- सैटरडे को मैक्सिमम टैम्प्रेचर 12.9 और मिनिमम टैम्प्रेचर 5.1 डिग्री रिकार्ड हुआ

- वेदर एक्सपर्ट बोले मौसम में अभी बनी रहेगी गलन

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ:

ठंड व गलन में दिनों-दिन इजाफा होता जा रहा है। सैटरडे सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा। मिनिमम टैम्पे्रचर 5.1 डिग्री तक लुढ़क गया। मिनिमम टैम्प्रेचर में गिरावट होने से गलन और बढ़ गई। विशेषकर सुबह-शाम कड़ाके की ठंड से जनजीवन बेहाल होने लगा है। हालांकि दिन में हो रही धूप से कुछ राहत है, लेकिन लोग सुबह-शाम अलाव का सहारा लेने को विवश हैं। वेदर एक्सपर्ट की माने आने वाले दिनों में सर्दी का प्रकोप और बढ़ेगा।

दोनों टैम्प्रेचर का ग्राफ गिरा

फ्राइडे के मुकाबले सैटरडे को मैक्सिमम और मिनिमम दोनों ही टैम्प्रेचर में गिरावट दर्ज की गई। सैटरडे को मैक्सिमम टैम्प्रेचर 12.9 और मिनिमम टेम्प्रेचर 5.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। जो कि फ्राइडे को क्रमश: 14.6 व 5.3 डिग्री सेल्सियस था। टेम्प्रेचर में लगातार आ रही गिरावट से सर्दी का सितम बढ़ता ही जा रहा है। सबसे अधिक समस्या बच्चों और बुजुर्गो को हो रही है।

बिस्तर नहीं छोड़ रहे लोग

गलन के चलते लोगों की दिनचर्या जहां बदल चुकी है। वहीं रोजमर्रा के काम काज पर भी असर पड़ने लगा है। अब स्थिति यह है कि अल सुबह चार-पांच बजे ही बिस्तर छोड़ देने वाले लोग छह सात बजे तक बिस्तर से निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। सबसे विकट समस्या गरीब व असहाय परिवारों के समक्ष खड़ी हो गई है। वह ठंड से राहत के लिए कंबल आदि की लालसा में शासन-प्रशासन व समाजसेवियों की ओर निगाहें टिका चुके हैं।

गर्म कपड़ों की डिमांड बढ़ी

गलन ने गर्म कपड़ों की डिमांड बढ़ा दी है। गर्म कपड़ों की खरीदारी को दुकानों पर भीड़ लगने लगी है। प्रत्येक व्यक्ति सर्दी से बचाव के लिए जतन शुरू कर दिया है। ऐसे में स्थाई व अस्थाई रूप से जगह-जगह सजी गर्म कपड़ों की दुकानों पर लोगों की भीड़ लगने लगी है।