Student की problems

एग्जाम्स के टाइम पर स्टूडेंट्स को तमाम तरह की प्रॉब्लम्स फेस करनी पड़ती हैं। जो वेबसाइट के जरिए आसानी से सॉल्व हो सकती हैं। उनको एडमिट कार्ड टाइम पर नहीं मिलता। अक्सर एडमिट कार्ड में नाम, सब्जेक्ट और एग्जाम सेंटर्स की इंफॉर्मेशन गलत प्रिंट होती हैं। एग्जाम प्रिपरेशन को छोड़ करेक्शन और डुप्लिकेट कार्ड के लिए उन्हें दर-दर भटकना पड़ता है। साथ ही एग्जाम्स से रिलेटेड अन्य इम्पॉर्टेंट इंफॉर्मेशन के लिए भी ऑफिर्स का मुंह ताकना पड़ता है। हाईस्कूल में बड़े पैमाने पर सिलेबस चेंज किया गया। सीसीई लागू की गई, लेकिन हाल यह है कि शिक्षा विभाग की वेबवाइड पर आपको कोई भी डिटेल नहीं मिल सकेगी।

कोई सुविधा नहीं

यूपी बोर्ड की वेबसाइट स्टूडेंट्स के रिलेटेड ऐसी कोई इंफॉर्मेशन नहीं है जो उनके किसी काम आ सके। उनके तो छोडि़ए टीचर्स और ऑफिर्स के लिए भी यह किसी काम की नहीं। एडमिनिस्ट्रेशन, एफिलिएशन, एग्जामिनेशन, अचीवमेंट्स, एक्टिविटीज, कॉन्टेक्ट्स और नोटिसेस वाली लिंक अभी तक अंडर कंस्ट्रक्शन हैं। सर्कुलर

भी पिछले 4 वर्षों से अपडेट नहीं किया गया। एडमिट कार्ड डाउनलोड, एग्जाम सेंटर्स, रोल नम्बर पता करने की कोई सुविधा नहीं है।

2002 से board exam नहीं हुए

यूपी बोर्ड वेबसाइट की मानें तो वर्ष 2002 से अभी तक बोर्ड एग्जाम कंडक्ट नहीं हुए हैं। वेबसाइट पर 1992 से 2002 तक के बोर्ड एग्जाम में अपीयर हुए स्टूडेंट्स का डाटा और पास परसंटेज दिया हुआ है। उसके बाद से इस व्यवस्था को अपडेट नहीं किया गया। साथ ही अगर आपको कोई अन्य डाटा एक जगह खोजने की जरूरत पड़ जाए तो आप यहां भटकते रह जाएंगे।

Website update न होने से किसे होता है फायदा?

एक तरफ जहां एजुकेशन सिस्टम लगातार हाईटेक होता जा रहा है वहीं यूपी बोर्ड की वेबसाइट पिछड़ेपन का सबसे बड़ा नमुना है। ऐसा नहीं है कि वेबसाइट के संचालन के लिए कर्मी नहीं है। एक बड़ी टीम इसके लिए लगाई गई है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर वेबसाइट अपडेट नहीं होने से सबसे अधिक फायदा किसे मिलता है? कुछ ऐसे ही 'फायदों' पर एक नजर

फायदा नंबर - 1

बड़े पैमाने पर धांधली

यूपी बोर्ड में फर्जी स्टूडेंट्स की एक बड़ी समस्या है। एजुकेशन माफिया मिसमैनजमेंट और सेटिंग का फायदा उठा कर बड़े पैमाने पर अनरजिस्टर्ड स्टूडेंट्स का फॉर्म भरवाते हैं। जिसके लिए वे स्टूडेंट्स से मोटी रकम वसूलते हैं। लास्ट ईयर ही ऐसे करीब 2 लाख स्टूडेंट्स का मामला पकड़ में आया था। विभागीय सेटिंग के चलते फर्जी स्टूडेंट्स तो बच ही जाते हैं माफिया भी इनके हाथ नहीं आते। अगर वेबसाइट अपडेट रहे और स्टूडेंट्स को पता रहे कि किस कॉलेज में कितनी सीट्स हैं तो एजुकेशन माफिया एक्स्ट्रा फॉर्म के जरिए फर्जी स्टूडेंट्स को एग्जाम नहीं दिला पाएंगे। स्टूडेंट्स भी परेशानी से बच जाएंगे और बोर्ड को हर साल झेलनी वाली बदनामी से भी छुटकारा मिल जाएगा।

फायदा नंबर - 2

एजुकेशन माफियाओं की चांदी

इसी विभागी लापरवाही के चलते एजुकेशन माफिया चांदी काट रहे हैं। बाबुओं के साथ सेटिंग कर वे लाखों में खेल रहे हैं। बरेली की ही बात करें तो लास्ट ईयर 10 कॉलेजों ने एलॉटेड सीट से ज्यादा स्टूडेंट्स का फॉर्म भरवाया था। जिन्हें इस वर्ष ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है। बावजूद इसके भी वे बाज नहीं आए और इस वर्ष भी उन्होंने बोर्ड फॉर्म भराने में घालमेल किया। वेबसाइट पर यदि पुख्ता इंतजाम हो तो उनकी माफियागिरी पर लगाम लगाई जा सकती है। स्टूडेंट्स के छोटे -छोटे काम के लिए भी वेबसाइट मददगार साबित हो सकती है, बसर्ते वेबसाइट अपडेट रहे। हाल यह है कि वेबसाइट अपडेट नहीं होने का फायदा एजुकेशन माफिया उठा रहे हैं। जाहिर है इस फायदे का बड़ा हिस्सा ऑफिसर्स तक भी पहुंचता होगा।

क्या होती है एजुकेशनल वेबसाइट पर सुविधा?

आमतौर पर एक एजुकेशनल वेबसाइट पूरी तरह से स्टूडेंट्स फ्रेंडली होती है। वेबसाइट पर रजिस्टर्ड स्टूडेंट्स का ब्योरा होता है। एग्जाम के रिलेटेड रोल नम्बर, सब्जेक्ट, एडमिट कार्ड, एलॉटेड एग्जाम सेंटर समेत सभी इम्पॉर्टेंट इंफॉर्मेशन होती हैं। अगर किसी स्टूडेंट के एडमिट कार्ड पर कोई मिसप्रिंट है तो उसके करेक्शन और डुप्लिकेट कार्ड की भी सुविधा होती है। इससे स्टूडेंट्स को दर-दर भटकना नहीं पड़ता। इसके साथ ही वेबसाइट पर सभी कॉलेजों के सीटों का ब्योरा होता है। जिससे वे एक्स्ट्रा स्टूडेंट्स के फॉर्म न भरवा सकें। एग्जाम पैटर्न को लेकर जो भी चेंजेस होते हैं उसकी पूरी डिटेल होती है। साथ ही स्टूडेंट का कंफ्यूजन दूर करने के लिए क्वेरीज भेजने का भी ऑप्शन होता है जिसके सहारे स्टूडेंट्स एक्सपर्ट से क्वेशचन पुछते हैं और एक्सपर्ट जितना जल्दी हो सके उनका बखूबी जवाब देते हैं।

दूसरी वेबसाइट्स पर हैं सभी सुविधाएं

सीबीएसई, आईसीएसई, एआईईईई, जेईई, आईआईएम, यूपीसीपीएमटी, पीएमटी, यूपीटीयू, एमटीयू, पॉलीटेक्निक समेत कई एजुकेशनल वेबसाइट्स पर स्टूडेंट्स के लिए तमाम ऐसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। जहां पर स्टूडेंट्स अपने और एग्जाम के रिलेटेड सारी इंफॉर्मेशन कलेक्ट कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें ऑफिर्स का मुंह ताकना नहीं पड़ता है। रजिस्टर्ड स्टूडेंट्स के मुताबिक फॉर्म, एडमिट कार्ड, कॉलेज लॉगिन, एग्जाम्स को लेकर सभी डायरेक्शंस समेत सभी इंफॉर्मेशन मौजूद रहती हैं।

अभी हाल ही में सभी स्टूडेंट्स को एडमिट कार्ड प्रोवाइड कराया गया है। पहले एडमिट कार्ड के लिए भागो और उसके बाद उसमें छपी गलतियों को करेक्ट कराने के लिए दौड़ो। हमारा टाइम बहुत वेस्ट होता है। वेबसाइट पर सुविधा होती तो टाइम बर्बाद नहीं होता और हम बेहतर प्रिपरेशन कर पाते. 

-श्रेया श्रीवास्तव, इंटर स्टूडेंट

हाईस्कूल एग्जाम में बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए हैं। इस बार से सीसीई लागू की गई है। हमको जीतना टीचर्स बताते हैं उतना ही मालूम पड़ता है। एग्जाम को लेकर जितने भी चेंजेज और डायरेक्शंस जारी होते हैं उनका ब्योरा वेबसाइट पर होना चाहिए। जिससे हम जब चाहे पढ़ सकें।

-दिप्ती शर्मा, हाईस्कूल स्टूडेंट

बोर्ड एग्जाम को लेकर कई क्वेरीज और प्रॉब्लम्स होती हैं। जिनके सॉल्यूशन के लिए वेबसाइट पर कोई सुविधा नहीं है। कई स्टूडेंट्स के एडमिट कार्ड नहीं आए हैं। वे रोजाना कॉलेज में दौड़ लगाते हैं। वेबसाइट पर डुप्लिकेट एडमिट कार्ड की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि हमें सुविधा हो।

-अमन कुमार, हाईस्कूल स्टूडेंट

स्टेट के हर डिस्ट्रिक्ट में हमारे ऑफिसर्स तैनात हैं। जिनके पास विभाग के सभी डायरेक्शंस मौजूद रहते हंै। स्टूडेंट या पैरेंट्स सीधे उनसे कांटेक्ट कर अपनी प्रॉब्लम्स हल करा सकता है। वेबसाइट पर भी काफी हद तक डायरेक्शंस दिए हुए हैं। स्टूडेंट इंफॉर्मेशन लेकर ऑफिसर्स से प्रॉब्लम सॉल्व करवा सकते हैं।

-वासुदेव यादव,सेक्रेट्री, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद

Reprot by: Abhishek Singh