RANCHI : रांची समेत झारखंड को जरूरत से ज्यादा बिजली मिल रही है, फिर भी पावर कट का सिलसिला नहीं थम रहा है। आखिर हो भी क्यों ना। दरअसल आपके घर की बिजली ग्रिड में अटक रही है। जब ग्रिड का नेटवर्क ही कमजोर होगा तो कैसे फुल लोड पावर सप्लाई के बाद भी आपको 24 घंटे बिजली मिलेगी। इसी का नतीजा है कि लोड शेडिंग के जरिए सिटी में बिजली दी जा रही है।

जरूरत से कम हैं ग्रिड

झारखंड बिजली संचरण निगम के एमडी निरंजन कुमार ने बताया कि निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए जितने ग्रिड की जरूरत है, वो अभी उपलब्ध नहीं है। लेकिन नए ग्रिड लगाने को लेकर योजना तैयार कर ली गई है। ढाई से तीन साल में पूरे राज्य में ट्रांसमिशन लाइन का जाल बिछाया जाएगा, इसके बाद पावर कट और लोड शेडिंग की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी। फिलहाल फुल लोड बिजली मिलने के बाद भी ट्रांसमिशन नेटवर्क नहीं होने से बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है।

किस ग्रिड से रांची को मिल रही बिजली

जब ग्रिड ही कम हों तो पावर कट से कैसे निजात मिलेगी, भले ही जरूरत के हिसाब से बिजली आपूर्ति क्यों न हो रही हो। दरअसल घरों तक बिजली आपूर्ति में सबसे बड़ा रोड़ा ग्रिड बना हुआ है। रांची शहर को अभी हटिया, नामकुम कांके और ग्रिड से बिजली आपूर्ति की जा रही है। इसके अलावा लोहरदगा, कामडारा, गुमला, तमाड़ और सिमडेगा ग्रिड से पूरे रांची सर्किल में बिजली आपूर्ति की जाती है।

बनाए जा रहे हैं नए ग्रिड

झारखंड में बिजली उत्पादन के बाद अब बिजली संचरण के क्षेत्र में भी निजी कंपनियां निवेश करेंगी। ये कंपनियां ग्रिड सब स्टेशन और ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण करेंगी। झारखंड बिजली संचरण निगम लिमिटेड द्वारा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड के तहत ग्रिड सब स्टेशन और संचरण लाइन बनाया जाएगा।

रांची को चाहिए 10 और ग्रिड

रांची सर्किल में अभी नौ ग्रिड हैं, जबकि दस और ग्रिड की जरूरत है। सिल्ली,अनगड़ा और बुढ़मू में नए ग्रिड बनाए जा रहे हैं, जबकि सात और ग्रिड बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इन ग्रिड को बन जाने के बाद बिजली सप्लाई में किसी तरह की बाधा पैदा नहीं होगी।