गांधी मैदान में लगे नेशनल बुक फेयर में जुट रहे यंगस्टर्स

अपने पटनाइट्स किताबें पढऩे के बहुत शौकीन हैं। तभी तो, हर साल यहां गांधी मैदान में दो-दो बुक फेयर का आयोजन होता है। अभी भी नेशनल बुक फेयर चल रहा है। संडे मतलब छुट्टी का दिन, सो गैदरिंग अधिक थी। अलग-अलग बुक स्टॉलों पर पुस्तक प्रेमियों का जमावड़ा लगा रहा। समीना मिश्र और कुमार विकास की देखरेख में क्रिएटिव राइटिंग और पोस्टर मेकिंग वर्कशॉप आयोजित किए गए।

खूब लगे ठहाके
बुक फेयर में संडे को हंसी का भी दिन था। देश के कई फेमस व्यंग्यकार सभागार में जुटे थे। डॉ प्रेम जनमेजय ने आज की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की कार्यशैली पर तीखा प्रहार किया। सभागार में उस समय जोरदार ठहाका लगा, जब डॉ प्रेम ने कहा कि काश उस समय भी ये चैनल्स वाले होते जब भगवान श्रीराम को वनवास भेजा जा रहा था। उस समय की रिपोर्टिंग कैसी होती, इसका शानदार प्रस्तुतिकरण भी किया।

पति बनाम प्रधानमंत्री
डॉ महेंद्र ठाकुर ने 'पति बनाम प्रधानमंत्री' के व्यंग्य पर खूब तालियां बजी। पति और प्रधानमंत्री की खूबियां गिनाई गईं। यज्ञ शर्मा ने पैसा और प्यार के संबंध को परिभाषित किया। बुक फेयर में पूरे दिन अच्छी-खासी भीड़ देखी गई। हर कोई यहां आकर एंज्वॉय कर रहा था। बुक फेयर में आने वालों में सबसे अधिक संख्या यूथ की ही थी।

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