- मूक दर्शक बनकर देखती रही पुलिस, चलती रही गोली

- पड़ोसी जिले में दंगे के बाद भी नहीं लिया गया सबक

Meerut: एक बार फिर शहर में दंगा नियंत्रण करने में पुलिस फेल हो गई। पुलिस के सामने ही दंगाई पत्थर फेंकते और गोली चलाते दिखे। खुलेआम तमंचा, पिस्टल और रिवाल्वर लहराए गए। पुलिस तंत्र इन दंगाइयों पर नियंत्रण करने में एकदम फेल दिखाई दिया। वहीं खुफिया विभाग भी इस दंगे की सुगबुगाहट को नहीं जान पाया। जबकि इस प्याऊ को लेकर पहले भी बवाल होने से बचा है। फिर भी पुलिस और प्रशासन नहीं चेता।

खुफिया तंत्र नहीं जान पाया

दिन में प्याऊ बननी शुरू हुई तो पुलिस को भनक तक नहीं पड़ी। जब इसको बनाने पर रोक थी तो विशेष संप्रदाय के लोगों को इसकी अनुमति किसने दे दी। इनको पुलिस ने रोका क्यों नहीं। आखिर किसके दबाव में आकर पुलिस इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाई। खुफिया तंत्र भी इसके बारे में अपने अधिकारियों को जानकारी नहीं दे पाया। जहां सबकुछ फेल होता दिखा। अगर इसको पहले ही नियंत्रण कर लिया जाता तो शायद इतना बवाल ही ना होता।

बवाल तो तय था

देखा जाए तो इस शहर को जलाने की प्लानिंग कुछ सांप्रदायिक तत्वों ने कर ली थी। इस प्याऊ को लेकर पहले कई बार दोनों संप्रदाय के लोग आमने-सामने आ चुके हैं। इसके बावजूद इसका निर्माण किया गया। यह निर्माण किसी बड़ी घटना की ओर इशारा कर रहा है। इससे साफ है कि यह दंगा तय था। जिसको कराने की कई बार कोशिश हुई, एक बार फिर बवालियों ने दंगा करा दिया। जिसमें पत्थर, गोलियां और चाकू जमकर चले।

अवैध हथियारों का जखीरा

इस शहर में कई संवेदनशील इलाके हैं। जहां मिश्रित आबादी है। कई बार बवाल हो चुके हैं। इसके चलते इन इलाकों में एक्सट्रा फोर्स का बंदोबस्त रहता है। इनमें कोतवाली इलाका काफी संवेदनशील माना जाता है। जहां छेड़छाड़ को लेकर भी कई बार दोनों संप्रदाय के लोग आमने सामने आ चुके हैं। यहां अवैध हथियारों और असलहों का अच्छा खासा जखीरा है। यह इस दंगे से सामने आ गया। जहां पुलिस के सामने ही दंगाइयों ने फायरिंग की। चाकू तक चलाए। पत्थर फेंके।

रात तक रहा अफवाहों का जोर

इस घटना के बाद पूरे शहर में अफवाहों का जोर रहा। जिसको पता चलता वही अपने जानकारों से इस दंगे के बारे में जानकारी ले रहा था। दूर दराज इलाके में बैठे लोग भी बार-बार फोन करके अपने रिश्तेदारों से हाल पूछ रहे थे। उधर इस दंगे का प्रसारण टीवी के लोकल चैनल पर भी रोक दिया गया। ताकि लोगों को गलत फहमी ना हो। इलाकों में लोगों के इकट्ठा होने पर भी पाबंदी लगा दी गई। अगर कोई एक जगह इकट्ठा मिला तो उसके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए।