-अधिवक्ताओं के साथ तमाम संगठनों की ओर से उठी आवाज

ALLAHABAD: कभी पार्षद को गोली मार कर मौत के घाट उतार दिया जाता है तो सिविल लाइंस जैसे पॉश एरिया में यूको बैंक के लॉकर को तोड़कर करोड़ों रुपए का सामान गायब कर दिया जाता है। वहीं गुरुवार को दिनदहाड़े अधिवक्ता राजेश कुमार श्रीवास्तव को गोली मार कर मौत के घाट उतार दिया जाता है। ऐसे में अब चारों तरफ से यही सवाल उठने लगा है कि शहर की कानून व्यवस्था को ये क्या हो गया है?

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने की मदद

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की आपात कालीन आमसभा वरिष्ठ उपाध्यक्ष आरएन ओझा की अध्यक्षता में हुई। इसमें अधिवक्ता राजेश कुमार श्रीवास्तव की हत्या पर दुख व्यक्त करते हुए मृतक अधिवक्ता के परिजनों को 50 लाख रुपया आर्थिक सहायता के साथ ही नौकरी दिए जाने की मांग की गई। इस अवसर पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आईके चतुर्वेदी, महासचिव अविनाश चंद्र तिवारी, न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता, कृष्ण मुरारी, गोविंद माथुर, सुधीर अग्रवाल ने एसएसपी व अधिकारियों के साथ मीटिंग की। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्यों ने पदाधिकारियों के जरिये दो लाख का चेक मृतक अधिवक्ता के परिजनों को सौंपने का निर्णय लिया।

एसएसपी को किया जाए निलंबित

वहीं समाजवादी पार्टी के अधिवक्ता सभा के जिलाध्यक्ष सुशील कुमार यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में दिनदहाड़े हुई हत्या की घटना की निंदा की गई। वहीं अधिवक्ता एकता क्रांति मंच ने भी 50 लाख रुपया मुआवजा दिए जाने के साथ ही एसएसपी को निलम्बित किए जाने की मांग की।

वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव मुकुन्द तिवारी ने कहा कि शहर ही नहीं, बल्कि पूरे जनपद में कानून व्यवस्था चौपट हो चुकी है। पूर्व विधायक एवं उत्तराखंड राज्य के कांग्रेस प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह, पूर्व मेयर चौधरी जितेंद्रनाथ सिंह, प्रदेश प्रवक्ता किशोर वाष्र्णेय ने अधिवक्ता की हत्या पर आक्रोश जताया।