- यूपी के हर कोने से हो रहे जंगली जानवरों का अटैक

- ऐसे जानवरों को पकड़ने के लिए बनाई गई थी एक्सपर्ट टीम

- रेहमान खेड़ा में निकले बाघिन को पकड़ने में वन विभाग को लग गए थे 109 दिन

LUCKNOW:

- मोहन लाल गंज के पास पैंथर्स के फुट प्रिंट मिलने से इलाके में दहशत फैल गई।

- बिजनौर इलाके में निकली बाघिन अब तक लगभग एक दर्जन लोगों को अपना शिकार बना चुकी है।

- मेरठ में लियोपर्ड के रिहायशी इलाके में घुस आने के कारण पुलिस और आर्मी का सहारा लेना पड़ा।

एक के बाद एक रिहायशी इलाकों में जंगली जानवर अटैक कर रहे हैं और वन विभाग के आला अधिकारी सिर्फ मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट लॉयन सफारी और चिडि़याघर में ट्रेन चलाने की तैयारियों में व्यस्त हैं।

कन्नी काट रहा विभाग

बिजनौर में आई बाघिन और मेरठ में निकले लियोपर्ड के बारे में विभाग कन्नी काट रहा है। इतना ही नहीं, वन विभाग ने रिहायशी इलाकों में निकलने वाले जानवरों के लिए एक रैपिड रेस्क्यू टीम बनाई थी। लगभग दो साल पहले वाइल्ड लाइफ चीफ ने चिडि़याघर के एक डॉक्टर को इसका चीफ बनाया था। इसमें अन्य अधिकारियों का चुनाव कर एक टीम गठित की जानी थी। लेकिन आज तक इस टीम का सेलेक्शन तक नहीं हुआ।

कहां गायब हो जाते हैं अधिकारी

सिर्फ इतना ही नहीं खास बात यह है कि वन विभाग की देखरेख में अभी कुछ दिनों पहले ही कुकरैल में अधिकारियों की ट्रेनिंग हुई। जिसमें ट्रेनिंग लेने वाले अधिकारियों को जानवरों को डॉट करने की ट्रेनिंग भी दी गई। लेकिन फॉर्मेल्टीज पूरी करने के बाद यह अधिकारी कहां गायब हो जाते हैं, इस बारे में कुछ पता नहीं है।

लॉयन सफारी का काम तेजी से चल रहा है। इसके अलावा जल्द ही चिडि़याघर में बाल ट्रेन पटरी पर दौड़ती दिखाई देगी। रही बात रिहायशी इलाकों में सामने आने वाले जानवरों की तो उनके लिए क्षेत्रीय लेवल पर प्रयास किए जा रहे हैं।

- रूपक डे

वाइल्ड लाइफ चीफ, यूपी

पहला मौका तो है नहीं

यह कोई पहला मौका नहीं है, जब रिहायशी इलाकों में जंगली जानवरों का आगमन हुआ है। इसके पहले ही लखनऊ से सटे इलाके में बाराबंकी में एक आदमखोर बाघिन आई थी। बाद में वन विभाग ने इसे मार गिराया था। रहमान खेड़ा तक आए बाघ को पकड़ने में वन विभाग को 109 दिन लग गए। मलिहाबाद तक आए पैंथर्स को पकड़ कर लखनऊ चिडि़याघर के हवाले किया गया। इसके बावजूद वन विभाग की टीम इन मामलों को हल्के में ले रही है।

Break हो रही है food chain

जंगलों में लोगों का दखल लगातार बढ़ता जा रहा है। जंगली जानवरों की फूड चेन ब्रेक हो रही है। इसी के चक्कर में जंगली जानवर बाहर का रुख कर रहे हैं। यह कहना है कि वाइल्ड लाइफ चीफ रूपक डे का। उन्होंने कहा कि जंगल में हिरन और छोटे-छोटे जानवर कम हो रहे हैं। ऐसे में टाइगर जैसे बड़े जानवर खाने की खोज में शहर तक पहुंच जाते हैं।