जीएसटी काउंसिल की दोहरी व्यवस्था पर व्यापारियों ने उठाया सवाल
एमपी में 25 अप्रैल से लागू हुआ इंट्रा स्टेट ई-वे बिल
ALLAHABAD: 15 अप्रैल से यूपी समेत पांच राज्यों में इंट्रा स्टेट ई-वे बिल लागू होने के बाद 25 अप्रैल से मध्य प्रदेश समेत देश के पांच राज्यों में इंट्रा स्टेट ई-वे बिल लागू कर दिया गया है। लेकिन अगल-बगल के राज्य यूपी और एमपी में लागू बिल में काफी अंतर है। इसे लेकर यूपी के व्यापारियों में जबर्दस्त आक्रोश है।
वहां सिर्फ 11 तो यहां सभी पर क्यों?
व्यापारियों का कहना है कि जब एक देश एक कर की बात हुई थी तो फिर दो राज्यों में लागू इंट्रा स्टेट ई-वे बिल में अंतर क्यूं है। मध्य प्रदेश में केवल 11 सामानों पर ही ई-वे बिल जेनरेट करना आवश्यक है। वहीं यूपी में सभी टैक्सेबल सामानों के लिए ई-वे बिल जेनरेट करना जरूरी है, यदि उसका मूल्य 50 हजार रुपये से अधिक हो।
यूपी में लागू इंट्रा स्टेट ई-वे बिल
- 50 हजार रुपये से अधिक मूल्य के सभी टैक्सेबल सामान के लिए ई-वे बिल जेनरेट करना जरूरी
- यूपी में यदि 50 हजार रुपये से अधिक का माल बगल की दुकान पर भी भेजना हो तो जेनरेट करना होगा ई-वे बिल
एमपी में लागू इंट्रा स्टेट ई-वे बिल
- सरकार द्वारा निर्धारित 11 सामानों का मूल्य 50 हजार रुपये से अधिक होने पर ही इंट्रा स्टेट ई-वे बिल जेनरेट करना है जरूरी
- अगर एक डिस्ट्रिक्ट से दूसरे डिस्ट्रिक्ट में माल की सप्लाई की जा रही है, तभी इंट्रा स्टेट ई-वे बिल जेनरेट करना है जरूरी।
एमपी में ये सामान आएंगे दायरे में
पान मसाला, कांफेक्शनरी, प्लाईवुड और लैमिनेट शीट, सभी प्रकार के आयरन और स्टील, एडिबिल ऑयल, ऑटो पार्ट्स, सिगरेट, तंबाकू और तंबाकू प्रोडक्ट, इलेक्ट्रिक एंड इलेक्ट्रॉनिक आइटम, सभी प्रकार के फर्नीचर, ल्यूब्रिकेंट्स, टाइल्स सिरेमिक गुड्स सिरेमिक ब्लाक्स, सिरेमिक पाइप
जब एक देश एक कर की बात हुई थी, तो फिर एमपी और यूपी के इंट्रा स्टेट कर प्रणाली में अंतर क्यूं है? यूपी में जहां सभी सामानों पर इंट्रा स्टेट लागू किया गया है तो एमपी में केवल 11 सामानों पर ही क्यों? यूपी में एक किलोमीटर की भी छूट नहीं दी गई है। वहीं एमपी में इंटर डिस्ट्रिक्ट ई-वे बिल लागू किया गया है।
संतोष पनामा
संयोजक
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति
व्यापार और टर्न ओवर के मामले में यूपी एमपी से किसी मामले में पीछे नहीं है, फिर एमपी के व्यापारियों को ही राहत क्यूं दी जा रही है। यूपी में भी एमपी की तरह ही डिस्ट्रिक्ट के बाहर माल भेजने पर इंट्रा स्टेट ई-वे बिल जरूरी किया जाना चाहिए।
सतीश चंद्र केसरवानी
अध्यक्ष
गल्ला एवं तिलहन संघ
यूपी में लागू ई-वे बिल के क्या नियम हैं, इसकी पूरी जानकारी नहीं है। लेकिन एमपी में सभी टैक्सेबल सामानों पर नहीं बल्कि 11 सामानों पर ई-वे बिल लागू किया गया है। 50 हजार रुपये से अधिक मूल्य का सामान दूसरे डिस्ट्रिक्ट में भेजने के लिए व्यापारी को ई-वे बिल जेनरेट करना होगा।
राज बोहरे
ज्वाइंट कमिश्नर
सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट
मध्य प्रदेश