- लो वोल्टेज की समस्या से सिकंदरपुर करन क्षेत्र के लोग परेशान

- कई महीनों से ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी नहीं हुआ समाधान

- ब्लॉक क्षेत्र की दो लाख आबादी के सामने गहराया बिजली संकट

UNNAO:

सिकंदरपुर करन विकास खंड की लगभग दो लाख की आबादी प्रचंड गर्मी के दिनों में बिजली को लेकर त्राहि त्राहि कर रही है। हालत ये है कि क्षेत्रवासियों को कहने के लिए बिजली अधिक से अधिक मिल रही है, लेकिन उसमें न तो रोशनी होती है और न ही इतना करंट मिलता है कि बिजली से चलने वाले उपकरण चल सके। वहीं कुछ क्षेत्रों में बिजली के दर्शन होते हैं, लेकिन कब और कितनी देर होंगे कुछ पता नहीं होता। उपभोक्ता परेशान हैं, लेकिन कोई कुछ कहने के लिए तैयार नहीं है। कोई जल्द सुधार की बाते करता है तो कोई आश्वासन की घुट्टी पिला कर उनके जख्मों पर मलहम लगा रहे हैं।

सरकारी नलकूप बने सफेद हाथी

दूसरी तरफ औद्योगिक इकाईयों को निर्वाध रूप से आपूर्ति की जा रही है। इस फीडर से बंथर, आटा, नौंगवां, सरैइया, बदरका, सुपासी, मवइया लायक, छेरिहा, साहबखेडा, मनोहरपुर, गडारी, दुधौडा, खन्नापुरवा, धन्नीपुर सहित दर्जनों गांवों को जोड़ा गया है। इसके साथ-साथ बदरका बंथर पेयजल टंकियां व तीन सरकारी नलकूप इससे संचालित होते हैं, जो अब सफेद हाथी बने हैं। वहीं लघु उद्योग आटा चक्की स्पेलर के पॉवर धारी उपभोक्ताओं का व्यवसाय लो वोल्टेज के चलते ठप है। भीषण गर्मी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की रात की नींद और दिन का चैन खो गया है। उन्हें पीने के लिए न तो पानी मिल रहा है और न ही ¨सचाई के लिए कोई इंतजाम किया जा रहा है। इतना सब होने के बाद भी कोई सुनने वाला नहीं है।

बिजली का अकाल, उपभोक्ता हैरान

दही चौकी द्वितीय फीडर से जुडे़ पडरी नेवरना तारगांव जमुका जरगांव कोरारी खुर्द कोरारी कला अमरसस सहित दो दर्जन गांवों में बिजली को लेकर हाहाकार की स्थिति बनी हुई है। बिजली का आना और कुछ देर बाद ही फाल्ट के चलते चले जाना, यह क्रम उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बना है। पडरी कला के उपभोक्ता भोला त्रिवेदी जरगांव के राकेश सिंह नेवरना के प्रधान राजेश यादव का आरोप है कि चार घंटे भी नियमित सप्लाई नहीं मिल पा रही है। अभियंता जन विरोधी कृत्य अपनाकर सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं। आरोप है कि मेंटीनेंस करने वाले ठेकेदार की लापरवाही के चलते फाल्ट ठीक नहीं हो पाते हैं। आपूर्ति जारी होते ही तार जलकर जमीन में चुने लगते हैं। वहीं शिकायत के वावजूद भी कई कई दिनों तक सुधार नहीं किया जाता हैं।

ग्यारह हजार वोल्टेज के सापेक्ष साढ़े नौ हजार वोल्टेज का पॉवर ही मिलता है, जो सप्लाई के दौरान आठ हजार के आसपास रह जाता है। उन्होंने धन्नीपुर गांव के तार बदलवाकर तीन दिन के अंदर सुधार कराने का आश्वासन दिया था। इसके बाद भी सुधार नहीं हुआ है। सुधार करने के लिए सामान स्वीकृत करने के साथ ठेकेदार को जारी भी कर दिया गया है। अब उसे अवर अभियंता की देखरेख में ठीक कराना है। इस काम को भी जल्द ही पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

- उमेश सोनकर, अधिशाषी अभियंता वितरण खंड दो