हाल ही में प्रीति जिंटा फिल्म 'बैंग बैंग' देखने थियेटर में गयी थीं और जब फिल्म स्टार्ट होने से पहले नेशनल एंथम स्टार्ट हुआ तो फिल्म देखने आए लोगों में से एक व्यूअर नेशनल एंथम की रेस्पेंक्ट करने के लिए खड़ा नहीं हुआ इस बात का प्रीति को काफी बुरा लगा और वो काफी नाराज हो गयीं. पता लगा है कि कुछ लोगों ने उस आदमी से कहा भी कि वो खड़ा हो जाए पर उसने इग्नोयर कर दिया. इस बात ने प्रति को और ज्यादा गुस्सा दिला दिया और उन्होंने सिनेमा हाल अथॉरिटीज से कह कर उसे उठवाकर थियेटर से बाहर फिंकवा दिया.

इस बात को खुद प्रीति ने ट्वीट करके बताया था. प्रीति ने लिखा की 'बैंग बैंग' से पहले एक आदमी को थियेटर से बाहर फेंकना पड़ा, क्योंकि उसने नेशनल एंथम की रेस्पेक्ट में खड़े होने से मना कर दिया. क्या आप इस बात पर बिलीव कर सकते हैं. उसके बाद उन्होंने लिखा की अब मूवी देखनी चाहिए. हालाँकि कुछ देर के बाद उन्होंने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया. इसकी वजह शायद मामले पर स्टार्ट हुई कंट्रोवर्सी को हवा ना देना था.

लेकिन हैरानी की बात है कि कोई शख्स नेशनल एंथम को डिसरेस्पेक्ट करे और उस पर रिएक्ट करके सामने वाले को सही गलत बताने के लिए किसी को सिर्फ इसलिए क्रिटिसाइज किया जाता है क्योंकि वो एक सेलिब्रिटी है. कुछ लोगों ने प्रीति के इस एक्शन को क्रिटिसाइज करते हुए उन पर एलिगेशन लगाया कि उन्होंने अपने सेलिब्रिटी स्टेटस का एडवांटेज लेकर अपनी ब्लाइंड पेट्रियोटिक फीलिंगस का दिखावा किया है. वैसे अगर कोई कॉमनमैन इस बात पर रिएक्ट करता तो क्या वो आदमी अपनी गलती महसूस करता और क्या थियेटर की अथॉरिटीज उसकी बात पर ध्यान देतीं. उस आदमी ने दूसरे व्यूअर्स की बात को पहले ही इंर्पोटेंस नहीं दी थी. ऐसे में प्रति का स्टैंड लेना लोगों को क्यों गलत लगा कहना मुश्किल है पर शायद सबकी अपनी अपनी देशभक्ति है.

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