आम चुनावों के दौरान महंगाई बड़ा मुद्दा बनकर उभरी थी. प्रचार के दौरान वर्तमान प्राइम मिनिस्टेर नरेंद्र मोदी ने आम लोगों से सरकार बनने पर कीमतों में कमी लाने का वायदा किया था. जिस पर लोगों ने भरोसा भी किया और चुनावों के बाद केन्द्र  में एनडीए की सरकार बनी. मोदी सरकार के एक साल के कामकाज पर लोगों की राय जानने निकली inextlive.com की टीम ने सर्वे के दौरान महंगाई से जुड़े चार सवाल पूछे. पहला कीमतें बढ़ी, कीमतें थोड़ा कम हुई, कीमतें बहुत कम हुईं या कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ.

महिलाओं को नहीं लगता महंगाई हुई कम

मोदी सरकार के एक साल के दौरान महंगाई को लेकर महिलाओं की राय पुरुषों के मुकाबले ठीक उलट है. जहां ज्यादातर पुरुषों की राय है कि कीमतों में कमी देखने को मिली है वहीं महिलाओं का मानना है कि कीमतें या तो बढ़ी हैं या फिर पहले जैसी ही हैं. जहां 20 प्रतिशत महिलाएं मानती हैं कि कीमतें बढ़ी हैं वहीं ऐसा मानने वाले पुरुषों की संख्या सिर्फ 10 प्रतिशत है. एक ओर 63 प्रतिशत पुरुष मानते हैं कि कीमतें कम हुई हैं दूसरी ओर 46 प्रतिशत महिलाएं मानती हैं कि कीमतें बढ़ी हैं या फिर उनमें कोई बदलाव नहीं हुआ है. महिलाओं में से 41 प्रतिशत को लगता है कि कीमतों में अगर कमी आई भी है तो वह बेहद मामूली है.

Infographic-People's opinion on price rise during one year of Narendra Modi led NDA government


बिजनेसमैन, प्रोफेशनल्स  व स्टूाडेंट्स को लगता है महंगाई हुई कम    

आमतौर पर महंगाई की आंच का अहसास सबसे पहले गृहिणियों को ही होता है. सर्वे में भी कीमतें बढ़ी हैं ऐसा मानने वालों में उन्हीं की संख्या ज्यादा है. स्टूडेंट्स, प्रोफेशनल्स व बिजनेसमैन मानते हैं कि मोदी सरकार के एक साल के दौरान महंगाई से राहत मिली है. जहां गृहिणियों में से 21 प्रतिशत का मानना है कि कीमतें बढ़ी हैं. वहीं सिर्फ 9 प्रतिशत बिजनेसमैन, 13 प्रतिशत प्रोफेशनल व 14 प्रतिशत स्टूकडेंट्स ही यह राय रखते हैं.

ग्रेजुएट्स बोले कम, पोस्टय ग्रेजुएट्स बोले बढ़ी महंगाई
 
जहां एक ओर बड़ी संख्या में ग्रेजुएट यह मानते हैं कि कीमतों में कमी हुई है. पोस्ट ग्रेजुएट लोगों का बड़ा हिस्सा महंगाई से राहत महसूस नहीं कर रहा है. हाईस्कूहल पास लोगों में से 40 प्रतिशत मानते हैं कि कीमतें या तो बढ़ी हैं या फिर पुराने स्तर पर बनी हुई हैं. वहीं 37 प्रतिशत ग्रेजुएट व 44 प्रतिशत पोस्टम ग्रेजुएट भी ऐसी ही राय रखते हैं. ग्रेजुएट में से 20 प्रतिशत मानते हैं कि कीमतों में बड़ी कमी हुई है.



नोट: सर्वे के परिणाम मोदी सरकार के कामकाज पर चार राज्योंं (उत्तर प्रदेश, उत्त राखंड, बिहार व झारखंड) के 12 शहरों (कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर, बरेली, आगरा, मेरठ, देहरादून, पटना, रांची व जमशेदपुर) के लोगों की राय पर आधारित हैं.

 

 

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