किसी लावारिस वस्तु को न छुएं, लेकिन.
सिटी में ऐसे कई हादसे सामने आए हैैं, लेकिन पुलिस के पास इससे निपटने का कोई अरेंजमेंट नहीं है। पुलिस प्रचार-प्रसार करती है कि किसी भी लावारिस वस्तु को न छुएं, उसमें बम हो सकता है। उसकी सूचना पुलिस को देने की बात भी कही जाती है, लेकिन सूचना देने के बाद क्या होता है, यह सैटरडे को लावारिस बैग मिलने की घटना से पूरी तरह साफ हो गया।

नहीं है bomb disposal squad
अब यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि एंटी बम स्क्वायड का न होना कभी भी खतरे का सबब बन सकता है। इस्ट सिंहभूम डिस्ट्रिक्ट की बात तो दूर कोल्हान में भी एंटी बम स्क्वायड नहीं है। इस कारण बम मिलने की सिचुएशन में काफी प्रॉब्लम हो जाती है। ऐसे में पुलिस के साथ ही लोगों को भी पैनिक सिचुएशन का सामना करना पड़ता है।

CRPF और Jaguar पर depend है पुलिस
अगर कहीं बम मिलने की बात सामने आती है तो पुलिस को सीआरपीएफ व जगुआर पर डिपेंड रहना पड़ता है। यहां यह बता देना उचित होगा कि झारखंड जगुआर का हेडक्वार्टर रांची में है और सीआरपीएफ की बटालियन आदित्यपुर में हैं, लेकिन बम स्क्वायड मुसाबनी स्थित 93 बटालियन के पास है। अगर रांची जगुआर से बम डिस्पोजल स्क्वायड बुलाया जाए तो आने में कम से कम तीन घंटे लग जाएंगे और अगर मुसाबनी स्थित सीआरपीएफ कैम्प से स्क्वायड को बुलाया जाए तो कम से कम 1 से डेढ़ घंटे का समय लग सकता है। यह समय सिटी में लोकेशन पर डिपेंड करेगा।

RAF  के पास भी नहीं है disposal squad
इस्ट सिंहभूम डिस्ट्रिक्ट में सुंदरनगर में रैफ का कैम्प है। रैफ कमांडेंट संजय कुमार कहते हैैं कि रैफ के पास बम डिस्पोजल स्क्वायड नहीं होता है। आदित्यपुर में सीआरपीएफ कैम्प है। लेकिन वहां बम स्क्वायड नहीं है उसे मुसाबनी स्थित सीआरपीएफ 93 बटालियन के कैम्प में रखा गया है। हालांकि किसी भी इमरजेंसी में सीआरपीएफ या जगुआर से बम डिस्पोजल स्क्वायड को बुलाने में पुलिस को काफी प्राब्लम होती है।

अगले 6 महीनों में होगा अपना बम निरोधक दस्ता
कोल्हान डीआईजी अरूण कुमार सिंह कहते हैैं कि कोल्हान में बम डिस्पोजल स्क्वायड बनाने को लेकर पहल कर दी गई है। उन्होंने कहा कि अगले 6 से 7 महीनों में कोल्हान में भी डिस्ट्रिक्ट पुलिस के पास अपना बम डिस्पोजल स्क्वायड होगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है और इसके लिए प्रपोजल भी भेज दिया गया है। उम्मीद है जल्द ही इस पर विचार किया जाएगा।

जगुआर का squad बना है operation के दौरान काम के लिए
जहां तक जगुआर की बात है तो जगुआर के पास मौजूद बम डिस्पोजल स्क्वायड इंडिविजूअली जगुआर के लिए ही बनाया गया है। जगुआर के पास 6 एंटी बम स्क्वायड है। किसी भी ऑपरेशन के दौरान यह टीम साथ में होती है। जगुआर के एसपी देव बिहारी शर्मा कहते हैैं कि किसी इमरजेंसी में पुलिस हेडक्वार्टर के निर्देश पर टीम भेजी जाती है। हालांकि सिटी में जगुआर का दो एजॉल्ट ग्र्रुप है जो किसी इमरजेंसी में मोर्चा संभालता हैं, लेकिन इनमें बम स्क्वायड नहीं है।

बम डिस्पोजल स्क्वायड बनाने की तैयारी की जा रही है और इसके लिए प्रपोजल भेजा गया है। अगले 6-7 महीनों में बम डिस्पोजल स्क्वायड का गठन कर लिया जाएगा।
अरूण कुमार सिंह, डीआईजी, कोल्हान

सीआरपीएफ आदित्यपुर के पास बम डिस्पोजल स्क्वायड नहीं है। यह स्क्वायड मुसाबनी में है। सैटरडे को एसएसपी ने संपर्क किया था, लेकिन मामला साफ हुआ तो टीम नहीं गई।
राजेश कुमार सिंह, सीआरपीएफ कमांडेंट

जगुआर के पास मौजूद 6 बम डिस्पोजल स्क्वायड ऑपरेशन के दौरान यूज करने के लिए है। फिलहाल यहां 6 स्क्वायड है, जिसे बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। वैसे जरूरत पडऩे पर हेडक्वार्टर के डाइरेक्शन पर संबंधित प्लेस पर भेजा जाता है।
देव बिहारी शर्मा, एसपी, जगुआर

Report by: goutam.ojha@inext.co.in