- एक हफ्ते में हजारों एकड़ फसल हुई राख

- शार्ट सर्किट, लापरवाही बनी जी का जंजाल

GORAKHPUR: भूकंप और बाढ़ की तबाही रोकने के लिए चलने वाली साल भर की तैयारी पर एक पखवारे की अगलगी भारी पड़ गई। फसलों की कटाई-मड़ाई शुरू होने के साथ किसानों के सपने धू-धू कर जलने लगे हैं। सालभर की मशक्कत के बाद किसी तरह से तैयार हुई गेहूं की फसल मामूली लापरवाही में राख हो जा रही है। पछुआ हवाओं के सुर में ताल मिलाकर रोजाना आग तबाही मचा रही है। आसमान छूने को बेताब लपटों को देखकर किसान सिर्फ यही कहते हैं कि यहां भूकंप नहीं आग से डर लगता है।

पांच दिन में 13 सौ एकड़ राख

पछुआ हवा चलने पर खेतों में तबाही मची। जिले में पांच दिनों के भीतर करीब 12 सौ एकड़ खेत में खड़ी गेहूं की फसल राख हो गई। साल भर से फसल काटने के सपने संजोए किसान आंखों के सामने अरमान जलते देखकर भी कुछ न कर सके। ज्यादातर जगहों पर दोपहर 12 बजे के बाद अगलगी शुरू हुई। आग लगने की सूचना पुलिस-प्रशासन को देकर किसान अपने इंतजामों से आग बुझाने की कोशिशों में लगे रहे। हालांकि आग पर तभी काबू पाया जा सका जब फसल पूरी तरह जल गई।

अगलगी की प्रमुख घटनाएं

10 अप्रैल 16: बेलीपार, चिलुआताल सहित कई जगहों पर आग की तबाही, करीब तीन सौ एकड़ फसल का नुकसान

- गोला एरिया के हटवा में आग से आधा दर्जन लोगों की झोपड़ी जली। एक बुजुर्ग महिला झुलसने से गंभीर।

- बेलीपार एरिया के बगहा बाबा वीर मंदिर के पास गेहूं की खड़ी फसलों में आग। कई गांवों की करीब दो सौ एकड़ फसल राख।

09 अप्रैल 16: जिले में एक दर्जन से अधिक जगहों पर अगलगी में करीब दो सौ एकड़ फसल जली।

- बेलीपार एरिया में आग लगने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी देर से पहुंची। गुस्साए लोगों ने गोरखपुर-वाराणसी हाइवे जाम करके प्रदर्शन किया।

- गुलरिहा एरिया के जंगल टिकटिया उर्फ भेलमपुर में आग से तीन किलोमीटर की दूरी में बेंत के पौधे जल गए। जंगल के पेड़ों को नुकसान पहुंचा।

- गोरखनाथ एरिया के रामपुर गांव के पास आग की सूचना पाकर नगर विधायक डॉ। राधा मोहनदास अग्रवाल मौके पर पहुंचे।

- बड़हलगंज एरिया में तीन जगहों पर 12 से अधिक झोपडि़यां जलने से लाखों रुपए का नुकसान हुआ।

08 अप्रैल16: जिले के विभिन्न जगहों पर आग से ढाई सौ एकड़ फसल राख।

-पीपीगंज एरिया के तिघरा, नयनसर, कानापार के सिवान में आग से डेढ़ सौ एकड़ फसल राख

-गगहा एरिया के डिहुलापार, अतायर में 50 एकड़ फसल राख, दो सौ से अधिक पेड़ जले।

-झंगहा एरिया के डीहघाट में आग से करीब सौ एकड़ फसल जली, गुस्साए लोगों ने पुलिस और फायर ब्रिगेड कर्मचारियों को खरी-खोटी सुनाई।

- गोला और बड़हलगंज एरिया में आग से करीब 20 एकड़ फसल का नुकसान।

07अप्रैल16: बेलघाट, बड़हलगंज, सहजनवां एरिया में आग ने तबाही मचाई। करीब दो सौ एकड़ फसल जली।

- सहजनवां के पाली और कैंपियरगंज में सात झोपडि़या जलने से आठ परिवार के लोग आसमान तले गए।

06 अप्रैल16: कैंपियरगंज के जंगलों आग लगी। सिकरीगंज, उरुवा, गुलरिहा, सहजनवां में आग से करीब 200 एकड़ फसल राख।

05अप्रैल 16: बड़हलगंज, सहजनवां, गोला सहित आधा दर्जन जगहों पर आग लगी। 150 एकड़ से अधिक फसल जली।

नोट: आंकड़े किसानों से मिली सूचनाओं पर आधारित हैं।

कम करिए रिस्पांस टाइम

अगलगी की घटनाओं को लेकर आईजी जोन हरीराम शर्मा ने गंभीरता दिखाई हैं। जोन के सभी एसएसपी और एसपी को पत्र भेजकर उन्होंने अगलगी रोकने के लिए प्रभारी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। आग लगने की सूचना पर फायर ब्रिगेड की गाडि़यों के मौके पर पहुंचने के बीच रिस्पांस टाइम को कम से कम करने को कहा है। जिले में मौजूद फायर ब्रिगेड की गाडि़यों की रनिंग लोकेशन पर नजर रखने के लिए आईजी ने चार्ट बनाने का निर्देश दिया। कंट्रोल रूम में नोडल अफसर की ड्यूटी लगाकर प्रभावी कार्रवाई कराने की जिम्मेदारी सौंपी है।

- आग लगने की सूचना मिलने पर नोडल अफसर प्रभावी कार्रवाई करें।

- जिलों में फायर टेंडर, चालकों की सीमित संख्या के बावजूद उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग किया जाए।

- तहसील मुख्यालयों पर स्थापित फायर स्टेशन के कर्मचारियों को हमेशा अलर्ट रखा जाए।

- आग की विकरालता को काबू करने के लिए सीएफओ और एफएसओ को जिम्मेदार बनाया जाए।

- आग लगने पर पब्लिक आक्रोशित हो जाती है। ऐसे मौकों पर पुलिस बल को भी लगाया जाए।