तो खुद डेड हो जाएगा डिपार्टमेंट
डेथ बर्थ सर्टिफिकेट देने वाला आफिस अफसरों की अनदेखी से खुद डेड होने की कगार पर है। टूटी खिड़कियां, साफ सफाई का अभाव, इधर-उधर फैली फाइलें इस बात की गवाही भी दे रहे हैं। सर्टिफिकेट रखने वाली जगह को पीकदान बना दिया गया है। जमीन पर रखी फाइलों के बीच कुछ लोग पान की पीक फेंक देते हैं।

देखने में फट जाते हैं सर्टिफिकेट
एप्लीकेशन देने के एक हफ्ते के भीतर यदि आवेदक अपना सर्टिफिकेट नहीं ले गया तो फटना तय है। अपना सर्टिफिकेट खोजने के चक्कर में लोग तेजी के साथ फाइलों को पलटते हैं। इससे कई बार सर्टिफिकेट फट जाते हैं। आफिस में रखे तमाम सर्टिफिकेट्स की हालत ऐसी ही हो गई है।

सोसायटी का मेंबर होने का है सर्टिफिकेट
सरकारी कामों के लिए सर्टिफिकेट की जरूरत ज्यादा पड़ती है। बिना बर्थ सर्टिफिकेट के बच्चे का एडमिशन होना मुश्किल है। बर्थ सर्टिफिकेट होने से परमानेंट, ऑफिसियल और विजिबल सबूत मिल जाता है कि बच्चा सोसायटी का मेंबर है। इसके अलावा मेडिकल ट्रीटमेंट, प्रापर्टी की खरीद फरोख्त में काम आता है। बच्चों को यौन शोषण से भी बचाता है। बर्थ सर्टिफिकेट न होने से चाइल्ड को गवर्नमेंट की सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। इसी तरह से किसी के मौत की पुष्टि करने के लिए सर्टिफिकेट जरूरी है।

दिन भर में दर्जन भर लगाते हैं चक्कर
अपना सर्टिफिकेट तलाशने के चक्कर में रोजाना 12-14 लोग आफिस का चक्कर लगाते हैं। लोग खुद ही फाइलों को टटोलते रहते हैं। लोगों का कहना है कि सर्टिफिकेट खोजने में पसीना छूट जाता है। जाहिदाबाद कालोनी के मोहम्मद फहीम का सर्टिफिकेट लेने आए फैमिली मेंबर ने बताया कि कई दिनों से परेशान हैं। बिछिया मोहल्ले के अवंतिका का सर्टिफिकेट लेने आए एडवोकेट एचके पांडेय ने बताया कि वेंस्डे को आए तो नहीं मिला। थर्सडे को दोबारा कोशिश की तो उनके क्लाइंट का सर्टिफिकेट हाथ आया।

कब होगी ऑनलाइन व्यवस्था
मेट्रो सिटीज में बर्थ सर्टिफिकेट बनाने के लिए ऑनलाइन इंतजाम हैं। लोग कहीं से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर सर्टिफिकेट प्राप्त करते हैं। इससे सहूलियत होती है दफ्तरों का चक्कर नहीं लगाना पड़ता है। लेकिन यहां पर ऐसा इंतजाम नहीं होने से पब्लिक परेशान होती है।


इसकी सारी जिम्मेदारी जीएमसी के हेल्थ डिपार्टमेंट की है। वहां की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए निर्देश जारी करेंगे। ताकि प्रॉब्लम को सॉल्व किया जा सके।
गोपीकृष्ण, डिप्टी म्यूनिसिपल कमिश्नर

बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट बनाने की जिम्मेदारी जीएमसी की नहीं है। पब्लिक की सहूलियत के लिए जीएमसी के कर्मचारियों को लगाया गया है। इस संबंध में डीएम से बात की जाएगी ताकि यहां की प्रॉब्लम साल्व हो सके।
जियाउल इस्लाम, डिप्टी मेयर

 

report by : arun.kumar@inext.co.in