बचपन के वो यादगार पल

अंडर-15 कैंप में आशीष को सचिन संग समय बिताने का मौका मिला। उस वक्त आशीष का भी करियर ग्राफ तेजी से आगे बढ़ रहा था। प्रैक्टिस और मैच के दौरान आशीष सचिन पर बाउंसरों की बरसात कर देते थे। कई बार सचिन आउट भी हो जाते थे, लेकिन एक बार सचिन ने उनकी बाउंसरों का जमकर जवाब दिया। सचिन बेहद खुश हुए और अपने एक साथी मेरठ के मनोज मुद्गल से आकर बोले, आज मैंने आशीष से बदला ले लिया।

डर गए थे सचिन

आशीष शुरू से ही मजाकिया रहे हैं। रणजी से संन्यास लेने के बाद जब वो यूपी टीम के मैनेजर बन गए, तब हैदराबाद में यूपी बनाम मुंबई रणजी फाइनल में उनका सामना सचिन से हुआ। सचिन भी पिच देख रहे थे और आशीष भी पिच देखने पहुंचे। सचिन आशीष को देखकर डर गए और मजाकिया तौर पर बोले। अब तक? भाई अब मत बाउंसर फेंकना। आशीष मुस्कुराए और बोले नहीं अब तो टीम का मैनेजर हूं। आशीष सचिन के इस सवाल के बाद बेहद हंसे।

क्रिकेट के लिए जन्मा है

कभी अपने जमाने में अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों की गिल्लियां बिखेरने वाले तेज गेंदबाज आशीष जैदी ने बताया कि सचिन को जब बचपन में देखा तो तब लगा सचिन वाकई क्रिकेट के लिए ही बने हैं। उन्हें अपने खेल से बहुत प्यार था। वो अपने सामान को भी बहुत संजोकर रखते थे। बैट का तो बहुत ही ज्यादा ख्याल रखते थे। सचिन सच में क्रिकेट के लिए ही बने हैं।

क्रिकेट से जुड़े रहें सचिन

अब जब सचिन ने संन्यास ले लिया तो उनके दोस्त आशीष जैदी ने कहा कि वह क्रिकेट से ही जुड़े रहें, क्योंकि क्रिकेट उनकी आत्मा में बसा है। वह किसी भी पद पर रहते हुए क्रिकेट से जुड़े रहें बस।