- परिजनों ने पुलिस पर लगाया दबाव बनाने का आरोप

- शुक्रवार को पुलिस करती रही मौका-ए-वारदात का मुआयना

-अभी तक सीसीटीवी में उलझी पुलिस की जांच

Meerut: बीती शाम चलती कार में हुई दरिंदगी की जांच अभी तक सीसीटीवी की फुटेज में उलझी है। पुलिस अभी तक घिनौनी हरकत में प्रयुक्त कार को भी ट्रेस नहीं कर पाई है। ऐसे में दिलचस्प बात ये है कि रेप पीडि़ता के अपाहिज पति को बार-बार पुलिस द्वारा डाट लगाई जा रही है, ताकि वो बयान बदल दे। शुक्रवार को पीडि़त परिवार को करीब चार बार बेगमपुल लाकर घटना की जानकारी की गई। यानि पुलिस बयान बदलवाकर फाइल को बंद करने के पूरे प्रयास कर रही है।

अज्ञात स्थान पर रखा

परिजनों के अनुसार अभी तक महिला का एक्स-रे तक नहीं कराया गया है। साथ ही महिला को पुलिस ने दिनभर अज्ञात स्थान स्थान पर रखा। ताकि कोई मीडिया कर्मी महिला से बात न कर सके। शुक्रवार को दोपहर घायल अवस्था में महिला को उसके पति के साथ भेज दिया।

नहीं किया गया भर्ती

पीडि़त महिला के पति के अनुसार रात में महिला को बेगमपुल पर अपहरण वाले स्थान पर दो बार ले जाया गया। साथ ही जहां पर महिला को फेंका गया था। पुलिस उसे वहां भी ले गई। गौरतलब है कि महिला के शरीर से खून रिसाव भी हो रहा था। महिला अस्पताल में पहुंची तो उसे भर्ती तक नहीं किया गया। उस समय भी पुलिस उसके साथ नहीं थी। सिर्फ दिव्यांग पति ही महिला को साथ लेकर अस्पताल की चौखट पर बैठ गया। सारथी संस्था की अध्यक्ष कल्पना पांडेय ने हंगामा कर बामुश्किल महिला को भर्ती कराया।

विवेचना की ट्रांसफर

घटना को 24 घंटे से ज्यादा का समय बीत गया है। मेडिकल कराने के साथ थाने में 161 सीआरपीसी में बयान दर्ज करा दिए। अभी तक पुलिस महिला को कोर्ट में बयान कराने नहीं ले गई। क्योंकि 161 सीआरपीसी के बयान कराने के बाद मुकदमे में विवेचक को बदल दिया गया। पहले विवेचना कंकरखेड़ा से हो रही थी। अब विवेचना लालकुर्ती की एसआई नेहा चौहान को दी गई है।

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हेडिंग- अब तो पुलिस के दावे ही डराते हैं साहब

- पुलिस की कार्यप्रणाली से शहरवासियों में नाराजगी

- बढ़ते अपराधों पर शहरवासी जता रहे हैं चिंता

मेरठ। शहर में अपराध को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन कई दावे करता है। बावजूद इसके, चलती कार में एक महिला के साथ गैंगरेप पुलिस व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर रही है। शहर की सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए कई व्यवस्थाएं हैं लेकिन उनकी हकीकत क्या है। यह भी जाहिर है। यही नहीं अब तो शहरवासी भी इस घटना को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं।

सीसीटीवी की हकीकत

पुलिस के अनुसार शहर के मुख्य चौराहों पर 50 सीसीटीवी लगाए गए हैं। जिनका कंट्रोल रूम एसपी सिटी ऑफिस में है। लेकिन पड़ताल के बाद पता चला कि पूरे शहर में 20 से ज्यादा कैमरे नहीं है, जिनमें से आधे से ज्यादा डंप हो चुके हैं। ऐसे में सीसीटीवी से घटना का खुलासा होना नामुमकिन है।

हाईवे पुलिस की हकीकत

एनएच- 58 पर मेरठ से मुज्जफरनगर तक तीन हाईवे पेट्रोल गाडि़यां है। जिनका टोल अधिकारियों के अनुसार इनका मूवमेंट दिन और रात इस रूट पर रहता है। इसके अलावा परतापुर बाइपास से टोल तक करीब 10 पुलिस चैक पोस्ट हैं, लेकिन ज्यादातर पुलिस चौकियों पर रात के समय ताला लटका रहता है।

शहर है पुलिस विहीन

इन दिनों शहर करीब 2500 पुलिसकर्मी शहर से बाहर चुनाव ड्यूटी में व्यस्त है। जिसके चलते रात में शहर के ज्यादातर चौराहे पुलिस विहीन है। जिसके चलते अपराधियों को डर पूरी तरह खत्म है।

क्या कहना है इनका

सुना था की मेरठ क्राइम कैपिटल है, लेकिन अब पता चल रहा कि वास्तव में यहां रहना सेफ नहीं है, सुबह को न्यूज पेपर पढ़ने के बाद घर से निकलने में भी डर लगता है।

राजीव

रात वाली घटना को देखकर तो रूह कांप उठी है। लग रहा है कि शहर में लॉ एंड आर्डर नाम की कोई चीज नहीं है। अपराधी अपनी मर्जी से क्राइम को अंजाम दे रहे हैं।

धीरज

दिन छिपते ही घर से निकलने में भी डर महसूस होता है। साथ ही बच्चे जब तक घर न लौट आएं, चिंता लगी रहती है। वास्तव में मेरठ अपराधियों का शहर बन चुका है।

सुनीता गर्ग

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वर्जन

पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। बहुत जल्द घटना को वर्कआउट कर दिया जाएगा।

आलोक प्रियदर्शी, एसपी सिटी

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हेडिंग- बीजेपी नेताओं ने आईजी को घेरा

--- फोटो नंबर 2 जागरण

-बढ़ते अपराध को लेकर भाजपाइयों ने आईजी कार्यालय घेरा

Meerut : शहर में बढ़ रही अपराधिक घटनाओं को लेकर भाजपा नेताओं का गुस्सा आखिर फूट पड़ा। शुक्रवार को दर्जनों भाजपा नेताओं ने आईजी कार्यालय पर जमकर हंगामा किया। साथ ही आईजी को खरी-खोटी सुनाई। आरोप है कि चलती कार में महिला के साथ गैंगरेप जैसी घटना के बावजूद भी पुलिस अभी तक आरोपियों को नहीं पकड़ पाई है।

घटनाएं गिनाई

भाजपा नेता विनित अग्रवाल शारदा ने आईजी अजय आनंद को खरी-खोटी सुनाते हुए शहर की हाल फिलहाल में हुई घटनाएं गिनाई। महानगर अध्यक्ष करुणेश नंदन गर्ग ने भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए।