- सिटी के सौंदर्य को ठेंगा दिखा रहे हैं सालों से बंद फाउंटेन

- लाखों रुपए खर्च करके बनवाए गए थे फाउंटेन

Meerut: नगर निगम चुनाव के दौरान शहर को चंडीगढ़ बनाने का वादा किया गया था। चुनाव को दो साल बीत गए हैं, लेकिन सिटी चंडीगढ़ की तर्ज पर एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सका। चंडीगढ़ की बात दूर, शहर को जीरकपुर बनाने के प्रयास भी नहीं हुए। सिटी के फाउंटेन ही देखिए। शहर को सुंदर बनाने के लिए बने फाउंटेन आज किसी कबाड़ से कम नहीं हैं। सवाल यह है कि अगर किसी चीज की देखभाल नहीं हो सकती तो उसे बनाने की क्या जरूरत है।

एचआरएस चौक

एचआरएस चौक सिटी का एक प्रमुख चौराहा है। दिल्ली से सिटी में आने वाले यात्री इस चौराहे से होकर जरूर गुजरते हैं। ऐसे में इस चौराहे पर बने फाउंटेन का चलना सिटी के सुंदरता को बढ़ा सकता है। बावजूद इसके इस चौक पर लगे फाउंटेन को चले सालों बीत गए हैं। कई मंत्री बदले, सांसद बदले, मेयर बदले लेकिन इस फाउंटेन को कोई नहीं चला सका।

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बना- ख्00फ् में

खैरनगर चौराहा

सिटी के सबसे पुराने इलाकों में मौजूद खैरनगर के चौराहे को भी सजाने की कभी मायावती सरकार ने पहल की थी, फाउंटेन बन तो गया, लेकिन इतने सालों में मात्र एक दो बार ही ये फाउंटेन चल पाया। एक बार मुख्यमंत्री रहते मायावती के मेरठ आगमन के वक्त इस फव्वारे को चलाया गया, जो बेहद खूबसूरत भी लग रहा था।

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आबूलेन

आबूलेन पर फव्वारा चौक यूं तो हमेशा लाइट और पानी से जगमगाता मिलता था, लेकिन कुछ दिनों से ये भी धूल फांक रहा है। ये फव्वारा भी अब चलने का इंतजार कर रहा है। आबूलेन की शोभा बढ़ाने वाला ये फाउंटेन दूसरे फाउंटेन की तरह खराब होने के डर से सहमता दिख रहा है।

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बागपत गेट

बागपत गेट पर मेट्रो प्लाजा के नजदीक बना डॉ। अम्बेडकर की मूर्ति के साथ फाउंटेन भी धूल फांक रहा है। वो भी सिर्फ राजनीति की वजह से, मायावती सरकार में जहां ये फव्वारा रोजाना चलकर इस चौराहे की शोभा बढ़ाता था, वहीं सपा सरकार के रहते इस पर कोई ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है।

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मॉल रोड पर जाकर देखें

मॉल रोड अपने आप में एक मिसाल है। यहां पर लगे कई फाउंटेन सुबह और शाम इस क्षेत्र को खूबसूरती बढ़ाते हैं। एक के बाद एक फाउंटेन की आवाज लोगों को लुभाती है।

पहले कभी फव्वारे अच्छे से चलते थे, जिनसे शहर की रौनक भी बढ़ गई थी।

-अभिलेख स्वामी, गंगानगर

फव्वारों पर प्रशासन का ध्यान जाता ही नहीं है। जब मुख्यमंत्री आते हैं, तो अचानक से ये चलने लगते हैं।

-विक्रांत गुप्ता, शास्त्रीनगर

फाउंटेन चलने से सिटी की रौनक बढ़ जाती है। चौराहे भी सुंदर नजर आते हैं। अपनी सिटी में भी इनके चलने की जरूरत है।

-राहुल शर्मा, गढ़ रोड

कैंट के सभी फव्वारे चलते हैं, जिससे ये एरिया बहुत सुंदर नजर आता है। अगर इसी तरह अपनी सिटी भी लगे तो अच्छा रहेगा।

-विपिन शर्मा, माधव नगर

अभी शहर को सुधारने का काम चल रहा है। जल्द ही फव्वारे भी दुरुस्त किए जाएंगे।

-हरिकांत आहलूवालिया, मेयर