-लवाइन कला में टर्मिनल निर्माण के लिए 14 वर्ष पहले ली गई थी नौ एकड़ जमीन

-इलाहाबाद से बिहार व पश्चिम बंगाल तक भेजा जाता था सीमेंट और फर्टीलाइजर

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PRAYAGRAJ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवंबर के सेकेंड वीक में अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को बड़ा तोहफा देंगे। वे इनलैंड वाटर वे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा बनवाए गए रामनगर बंदरगाह राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसके जरिये प्रतिमाह करीब एक लाख टन माल ढुलाई वाराणसी से हल्दिया तक करने का लक्ष्य है। प्रयागराज में बंदरगाह का निर्माण कब होगा? यहां से जहाज के जरिये माल ढुलाई कब शुरू होगा? इसका कोई अता-पता नहीं है। जबकि प्रयागराज के लवाइन कला में बंदरगाह यानी टर्मिनल निर्माण के लिए चौदह साल पहले 9 एकड़ जमीन खरीदी गई थी, जो अब भी बेकार पड़ी है।

कितने टन सीमेंट का परिवहन

सीमेंट कंपनियों के साथ ही फर्टीलाइजर कंपनियों द्वारा जल मार्ग के जरिये माल ढुलाई शुरू किए जाने की मांग कई बार की जा चुकी है। सीमेंट और फर्टीलाइजर प्रयागराज से बिहार व पश्चिम बंगाल तक भेजे जाते हैं। मध्य प्रदेश प्रयागराज से सटा होने के कारण सीमेंट फैक्ट्रियों ने इनलैंड वाटर वे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को मेल किया है। इसमें लिखा है कि इलाहाबाद तक व इलाहाबाद से जहाज के जरिये कितने टन सीमेंट का परिवहन कर सकते हैं?

वाराणसी तक सिमटी सुविधाएं

इनलैंड वाटर वे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा नेशनल वाटर वे इलाहाबाद से हल्दिया तक निर्धारित किया गया है। लेकिन जल परिवहन की योजनाओं को फिलहाल प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी तक ही सीमित किया गया है। इलाहाबाद के पूर्व सांसद मुरली मनोहर जोशी ने हरी झंडी दिखाकर जहाज से सीमेंट और यूरिया को इलाहाबाद से भागलपुर भेजा था। राजगोपालाचारी जहाज सीमेंट की सैकड़ों बोरी खींच कर पश्चिम बंगाल ले गया था।

फैक्ट फाइल

-लवाइन कला में इनलैंड वाटर वे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा खरीदी गई है 39 बीघा यानी करीब नौ एकड़ जमीन।

- 2004 में 35 लाख रुपये किया गया था खर्च

- किसानों से जमीन लेकर दिया गया था मुआवजा

- इनलैंड वाटर वे अथॉरिटी ऑफ इंडिया का फोकस हल्दिया से बनारस तक ज्यादा है

- नेशनल वाटर वे-1 इलाहाबाद से हल्दिया तक चिह्नित है

- रेमंड फैक्ट्री के पीछे है इनलैंड वाटर वे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की जमीन

- जमीन की बाउण्ड्री कराकर, लगाए गए हैं पेड़

मोदी ने किया था शिलान्यास

भारतीय जलमार्ग प्राधिकरण ने राल्हूपुर (रामनगर) में बंदरगाह का निर्माण करवाया है। 1620 किमी लंबी जलपरिवहन परियोजना एवं बंदरगाह का शिलान्यास जनवरी 2015 में नरेंद्र मोदी ने किया था। इसके निर्माण पर करीब 4200 करोड़ रुपया खर्च किया गया है। राल्हूपुर में 15 एकड़ जमीन पर टर्मिनल बनाया गया है।