कहां हुआ बड़ा बदलाव
भारतीय इनवेस्टर्स फिजिकल एसेट्स जैसे कि गोल्ड एंड रियल स्टेट में इनवेस्ट करना ज्यादा पसंद करते रहे हैं। हालांकि समय के साथ इसमें घाटा नजर आता देख इन इनवेस्टर्स ने अपने प्लॉन में बदलाव कर लिया है। इनकी जगह अब फाइनेंशियल एसेट्स ने ले ली है। कार्वी प्राइवेट वेल्थ ने 2015 फाइनेंशियल ईयर की एक रिपोर्ट जारी की है जिसके अनुसार फाइनेंशियल एसेट्स में फिजिकल एसेट्स के मुकाबले 19 परसेंट की बढ़ोत्तरी हुई है। इंडिया वेल्थ रिपोर्ट के अंतर्गत छापी गई इस रिपोर्ट में प्रत्येक भारतीय इनवेस्टर्स की संपत्ति में 8.9 परसेंट का इजाफा हुआ है।
बदल गया ट्रेंड
फाइनेंशियल एसेट्स में इक्विटी, कैश, बॉंड, म्युचुअल फंड्स, पेंशन फंड्स और स्मॉल सेविंग शामिल हैं। जबकि फिजिकल एसेट्स में गोल्ड, रियल इस्टेट, सिलवर, डॉयमंड और प्लेटिनम इनवेस्टमेंट शामिल होता है। रिपोर्ट की मानें तो भारतीयों की ट्रेडिशनल इनवेस्ट प्लॉन में फिजिकल एसेट्स ही शामिल होता रहा है लेकिन इस साल जो आंकड़े सामने आए उससे यह साबित होता है कि इन भारतीय इनवेस्टर्स ने फाइनेंशियल एसेट्स को अपनी पहली पसंद बना ली है जिसकी वजह से साल 2015 के फाइनेंशियल ईयर में फाइनेंशियल एसेट्स के इनवेस्टमेंट में काफी बढ़ोत्तरी हुई है।
गोल्ड का भी है बड़ा मार्केट
जैसा कि गोल्ड इनवेस्टमेंट को सबसे सुरक्षित इनवेस्टमेंट माना जाता है लेकिन पिछले कुछ सालों से गोल्ड रेट्स में आई गिरावट ने इनवेस्टर्स को थोड़ा निराश किया है। ज्ञात हो कि इस पूरी दुनिया में इस पीली धातु का सबसे ज्यादा कंजम्शन भारत में ही होता है। भारत चीन को पछाड़ते हुए सबसे ज्यादा गोल्ड कंज्यूमर देश बन गया है।
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