रोडवेज की एसी बसों में सफर करके बोर होने वाले पैसेंजर्स में सिर्फ वीरेन्द्र ही अकेले नहीं हैं बल्कि अचानक हुए गायब रोडवेज की एसी बसों में भले ही अब इंटरटेनमेंट के नाम पर कुछ नहीं है, लेकिन 2006 में सिटी की करीब 40 बसों में टीवी और डीवीडी लगे थे। टीवी को चलाने के लिए स्टेबलाइजर, इंवर्टर और बैटरी भी थी, लेकिन डेढ़ साल पहले अचानक बसों से ये सबकुछ गायब हो गया।

 तो फिर कहां गए?

एसी बसों में टीवी का बॉक्स तो है लेकिन उसमें से टीवी, डीवीडी, स्टेबलाइजर, इंवर्टर और बैटरी गायब है। रोडवेज ऑफिसर्स के मुताबिक टीवी को बस स्टेशनों पर लगाया गया है, लेकिन सच्चाई ये है कि सिटी के चुन्नीगंज और झकरकटी बस स्टेशन पर सिर्फ दो टीवी लगे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि टीवी अगर सिटी के बस स्टेशनों में नहीं लगे हैं तो आखिर कहां गए।

ये वो TV तो नहीं

सूत्रों के मुताबिक झकरकटी और चुन्नीगंज बस स्टेशन पर लगे कलर टीवी वो नहीं हैं जो बसों में लगे थे। इन दोनों टीवी को खरीदा गया था, जिनके बिल डिपार्टमेंट में जमा हैं। बसों के टीवी, डीवीडी, स्टेबलाइजर, इंवर्टर और बैटरी सिटी के 6 बस डिपो और बस स्टेशनों पर नहीं लगाए गए तो फिर यूपी की दूसरी सिटीज में कहां लगाए गए हैं.

क्यों हटाया उनको?

सूत्रों के मुताबिक बसों से टीवी हटाने की वजह है एनटरटेनमेंट डिपार्टमेंट का टैक्स मांगना। रोडवेज पैसेंजर्स से टिकट पर कोई एनटरटेनमेंट टैक्स नहीं लेता है इसलिए वो टैक्स कैसे देगा इसलिए टीवी हटाए गए हैं। रोडवेज ऑफिसर्स का कहना है कि टीवी से पैसेंजर्स को प्रॉब्लम होती थी। टीवी चलने से पैसेंजर्स की नींद ही नहीं डिस्टर्ब होती थी बल्कि मूवी की च्वाइस को लेकर अक्सर हंगामा होता था इसलिए बसों से टीवी हटा दिए गए. ऑफिसर्स से जब ये पूछा गया कि आखिर ये टीवी कहां गए तो उनका कहना है कि स्टेट के बस स्टेशनों पर लगाए गए हैं। स्टेट के किन बस स्टेशनों पर ये टीवी लगाए गए हैं, इसका जवाब उनके पास नहीं है। टीवी रखने वाले को ड्राइवर और कंडक्टर ने सूटकेस बना लिया है। यही नहीं जब बस में सामान रखने की जगह नहीं मिलती है तो पैसेंजर्स भी अपना सामान रख लेते हैं.