देर रात तक चलता रहा चंदन की लकडि़यों का मूल्यांकन

- 30 करोड़ रुपए से ऊपर की चंदन की लकड़ी होने के आसार

- पूरी चंदन को वेस्ट यूपी में खपाने की थी तैयारी

- पुलिस के अनुसार जांच में सभी बिल निकले फर्जी

- मूल्यांकन के दौरान सांप निकलने से दहशत

 

 

Meerut : सोमवार को खरखौदा में पकड़ी चंदन को पूरे वेस्ट यूपी और उत्तराखंड में खपाने की तैयारी थी। वैसे पकड़ी गई चंदन के मूल्यांकन का देर रात तक चलता रहा। वन विभाग ने खबर लिखे जाने तक ख्भ् से फ्0 करोड़ रुपए के चंदन का आंकलन कर लिया है। उम्मीद की जा रही है कि ये आंकड़ा ब्0 करोड़ रुपए का पार सकता है। पुलिस की मानें तो ये लकडि़या साउथ इंडिया से लाई हुई लग रही है, लेकिन अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है।

 

चल रहा है मूल्यांकन

पुलिस और वन अधिकारियों की मानें तो अभी सिर्फ एक चौथाई लकडि़यों का ही मूल्यांकन हो सका है। जिसकी कीमत ख्भ् से फ्0 करोड़ रुपए आंकी गई है। खबर लिखे जाने तक चंदन के फ्ब्ख् गोटों की गिनती की जा चुकी है। ताज्जुब की बात तो ये होगी कि जब सभी लड़कियों का मूल्यांकन हो जाएगा तो उसकी की कीमत भ्0 करोड़ से ऊपर पहुंच जाएगी। वन विभाग के इंस्पेक्टर रामबीर सिंह, देवेंद्र सिंह, सुरेंद्र शर्मा, मदन सिंह की टीम मूल्यांकन करने में जुटी हुई है। वहीं इनकम टैक्स के एडिशनल कमिश्नर एके श्रीवास्तव और भोपाल तिवारी भी मौके पर लगे हुए हैं। वहीं हापुड़ कृषि उत्पादन मंडी समिति अनुज त्यागी, अरुण चौधरी और जगदीश पाल भी इस प्रकरण में जुटे हुए हैं।

 

फर्जी कागजातों से व्यापार

अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली निवासी सुचित सिंहल टिम्बर व्यापारी है। उसने वर्ष ख्0क्ख् में मेरठ के वन विभाग से लकड़ी खरीद फरोख्त का लाइसेंस (रवाना) बनवाया था। उस लाइसेंस में चंदन की लकड़ी का जिक्र नहीं था। ये लाइसेंस सिर्फ एक साल के लिए ही था, लेकिन पिछले तीन सालों से वो उसी लाइसेंस से चंदन की लकड़ी का व्यापार कर रहा था। लकड़ी लाता था और यहां से देश के विभिन्न प्रदेशों में सप्लाई करता था।

 

चार महीने पहले खुली थी बात

पुलिस और वन अधिकारियों की मानें तो चार महीने पहले हरियाणा पुलिस ने चंदन की लकड़ी का भरा ट्रक पकड़ा था। उसके बाद हरियाणा पुलिस ने खरखौदा पुलिस से संपर्क भी किया था। लेकिन उस वक्त कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी थी। लेकिन पुलिस इस मामले को पूरी बारीकी से नजर बनाए हुए थी। अधिकारियों की मानें तो अभी सुचित फरार चल रहा है। पुलिस उसे तलाश करने में जुटी हुई है।

 

सांप निकलने से हड़कंप

मूल्यांकन के दौरान चंदन की लकडि़यों से सांप मिलने से हड़कंप मच गया। सभी अधिकारियों में इस बात की दहशत फैल गई कि इन लकडि़यों में और भी सांप हो सकते हैं। खरखौदा पुलिस इंस्पेक्टर के अनुसार पहला सांप शाम ब् बजे निकला था। दूसरा सांप भ्:फ्0 बजे निकला था। उन पर काबू पाते हुए सपेरे को सौंप दिया गया है। वहीं सभी को पूरी एहतियात के साथ लड़कियों को चंदन की लकडि़यों को उठाने के लिए बोल दिया गया।

 

यहां खपाई जा रही थी चंदन

पुलिस अधिकारियों की मानें तो इस तरह की चंदन की लकड़ी आंध्रपद्रेश के गुंटूर में पाई जाती है। ये चंदन भी वहीं से मंगाई हुई लग रही है। जिसे वो खरखौदा में रखते थे। जिसके बाद वो हरियाणा पंजाब, यूपी, उत्तराखंड के अलावा बाकी प्रदेशों में खपाई जा रही थी। अभी इस बारे में और भी जांच की जा रही है। सुचित के पकड़े जाने के बाद इस पूरे प्रकरण की पूरी जानकारी मिल सकेगी।

 

हो सकता है खेल

आंध्रप्रदेश से मेरठ तक चंदन की लकड़ी लाने का मामला कुछ हजम नहीं हो रहा है। आंध्रपद्रेश से मेरठ तक आने में कई चेक मौजूद होंगे। चंदन की तस्करी होने पर मेरठ आने से पहले ही चंदन की लकड़ी को पकड़ लिया जाता। सूत्रों की माने तो कहीं ये लकड़ी आसपास की भी हो सकती है। हस्तिनापुर में कई हजार बीघा जमीन पर चंदन की लकडि़यों के पेड़ मौजूद हैं। वहां से भी इन लकडि़यों को लाया जा सकता है।

 

वर्जन

लकडि़यों का मूल्यांकन का काम चल रहा है। मूल्यांकन के दौरान दो सांप भी मिले थे। जिन पर काबू पा लिया गया है। पूरा चंदन कितने का था इस बारे में सभी लकडि़यों के मूल्यांकन के बाद ही किया जाएगा।

- पियूष दीक्षित, एसओ, खरखौदा थाना