- हर जगह मौजूद है बाल श्रम, फिर क्यों नहीं होती कार्रवाई

- रेलवे स्टेशन, चाय की दुकानें, ढाबों पर बच्चे कर रहे मजूदरी

GORAKHPUR : चाय की एक दुकान पर एक सज्जन ने अपनी बाइक खड़ी की। मुंह से गुटखे की पीक एक ओर थूकी और जोर से आवाज लगाई, ए छोटू, एक मस्त मलाई मार के चाय लाना। उनके बोलने की देर थी कि करीब 10 साल का एक बच्चा गंजी-निकर पहने चाय का गिलास लेकर हाजिर हो गया। चाय का गिलास वापस ले जाते वक्त अचानक वो गिरकर चूर-चूर हो गया। इसके बाद तो दुकान मालिक का पारा गरम हो गया। उसने छोटे के कान जोर से उमेठे और हाथ में पकड़े चमचे से उसे पीटना शुरू कर दिया। दुकान पर मौजूद 5-6 भद्र पुरुष मासूम छोटू को यूं ही पिटते देखते रहे, मानो उनके लिए ये रोज की बात हो। वैसे तो ये वाकया गोरखनाथ एरिया का है, लेकिन क्या फर्क पड़ता है जनाब। शहर और एरिया कोई भी हो, हर जगह आपको छोटू, पिंटू और न जाने कौन-कौन से नाम सुनाई पड़ेंगे। जिन्हें बुलाने पर सामने आता है एक मासूम बच्चा। उसकी कोई पहचान नहीं है, वो बस एक मजदूर है जिसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि सरकार ने कोई बाल श्रम कानून बना रखा है। जिसके तहत उससे मजदूरी करवाने वालों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। अफसोस, ऐसा होता नहीं। आई नेक्स्ट ने शहर में पांच जगहों पर बाल श्रम कानून की असलियत जानने की कोशिश की। पेश है ये रिपोर्ट।

बस पैसा दो, उम्र न पूछो

करीब दोपहर 3 बजे आई नेक्स्ट टीम रेलवे स्टेशन पहुंची। यहां हर प्लेटफॉर्म पर छोटे-छोटे बच्चे हाथ में पानी की बोतलें और पान मसाला बेचते मिले। कुछ ने तो पैसेंजर्स तक सामान पहुंचाने के लिए पटरियां तक फांद डाली। रिपोर्टर ने उम्र पूछी तो बोले, बस पैसा दो, उम्र न पूछो।

आर्डर दो, चाय हाजिर

सिटी के हर चौराहे और मार्केट में चाय-नाश्ते की दुकानें हैं। टीम ने जब इन दुकानों का रुख किया तो कमोबेश हर शॉप पर छोटे बच्चे आर्डर लेते और खाली बर्तन धोते मिले। कई दुकानों पर बाल श्रमिक बर्तन और मेज साफ करते मिले।

हर ठेले पर मिलेंगे बाल श्रमिक

शहर में छोले-भटूरे, आमलेट, पकौड़े बेचने वाले अधिकांश ठेलों पर बाल श्रमिक काम करते हुए दिखे। दीवानी कचहरी के बगल में लगी छोले-भटूरे की दुकान हो, रेलवे स्टेशन के आरक्षण केंद्र के बगल में लगे ठेले हों, गोलघर, घोस कंपनी हर जगह बाल श्रमिकों के भरोसे ही कारोबार चल रहा है।

यह तो इंजीनियर भी बन गए है

अगर आपकी गाड़ी खराब हो गई है तो शहर के किसी नुक्कड़ पर मौजूद गैराज की दुकान पर बैठा छोटा सा बच्चा मिनटों में ठीक कर देगा। पुलिस लाइन, धर्मशाला बाजार, सुमेर सागर, नार्मल टैक्सी स्टैंड जैसी जगहों पर ऑटोमोबाइल्स की 300 से अधिक दुकानें हैं। इनमें से लगभग 50 प्रतिशत दुकानों पर बाल श्रमिक काम करते मिले।

मौजूद है टास्क फोर्स, क्रिमिनल केस होता है दर्ज

श्रम विभाग के डिप्टी लेबर कमिश्नर आरपी गुप्ता ने बताया कि छापेमारी में बाल श्रम पकड़े जाने पर संस्थान के मालिक पर क्रिमिनल केस दर्ज होता है। हर बाल मजूदर के आधार पर 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया जाता है। हाईकोर्ट?के आदेश पर गोरखपुर जिले में भी टास्क फोर्स का गठन किया गया है। टास्क फोर्स में एक मजिस्ट्रेट, श्रम विभाग के कर्मचारी, बेसिक शिक्षा विभाग के कर्मचारी और सीडब्ल्यूसी के मेंबर रहते हैं। यह टास्क फोर्स हर तीन माह में एक बार मीटिंग करती है और उसके बाद जहां की भी कंप्लेन आती है, वहां छापेमारी की जाती है। इस फोर्स की कार्रवाई में पकड़े गए बच्चे उनके परिवार, चाइल्ड लाइन को सौंपे जाते हैं।

20 साल में सिर्फ 800 मुकदमे

जब बाल श्रम के मामलों के संबंध में आई नेक्स्ट टीम ने अधिकारियों से बात की तो चौंकाने वाला मामला सामने आया। श्रम विभाग की टास्क फोर्स ने पिछले 20 साल में 10 हजार से अधिक बाल श्रम के मामले पकड़े, लेकिन अभी तक मात्र बाल श्रम के केवल 800 मुकदमे ही दर्ज किये गये हैं। इस बारे में पूछने पर डिप्टी लेबर कमिश्नर आरपी गुप्ता बताते हैं कि छापेमारी में संस्थान पर कार्रवाई के समय सबसे ज्यादा प्रॉब्लम आती है। बच्चा पकड़ा जाता है, फिर उस बच्चे के परिवार के ही सदस्य आकर नोटरी देते हैं कि हमारा बच्चा दुकान पर काम नहीं करता है। वह तो बस सामान लेने गया था या वह हमारे परिचित हैं, बाहर रोड पर बच्चों को घूमते देखकर बुला लिए थे। उन्होंने बताया कि पिछले तीन साल में श्रम विभाग की ओर से 22 लोगों पर बाल श्रम के मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जबकि 33 खतरनाक संस्थाओं को चिन्हित किया गया हैं व 68 गैर खतरनाक संस्थानों को चिन्हित किया गया है।

बाल श्रम कानून का पालन कराने के लिए कार्रवाई तो की जाती है, लेकिन पब्लिक सपोर्ट न मिलने के कारण बहुत प्रॉब्लम होती है। कई बार बाल श्रमिक पकड़े जाते हैं, लेकिन परिवार के सदस्य मना कर देते हैं। कंप्लेंट मिलने पर छापेमारी की जाती है।

आरपी गुप्ता, डिप्टी लेबर कमिश्नर

कहां है बाल श्रम कानून? स्लाइड शो देखने के लिए क्लिक करें।

https://www.inextlive.com/photogallery/where-is-the-ban-on-child-labour-201506110002