09 जनवरी से है गायब

आई नेक्स्ट रिपोर्टर जब मेडिकल कॉलेज के उस हॉस्टल में पहुंचा, जहां अमित जायसवाल रहता है तो उसके रूम पर ताला लगा हुआ था.  उसके रूम के साइड के रूम पर स्टूडेंट्स से पूछताछ की तो उन्होंने अपना नाम और फोटो न छापने की शर्त पर बताया कि वो 09 जनवरी 2014 से यहां पर नहीं है। अपने घर गोरखपुर किसी काम से गया है। उसने यह भी नहीं बताया कि वह किस काम से गया है। न ही ज्यादा किसी से बात की।

आखिर एग्जाम क्यों छोड़ गया अमित?

अमित के बैचमेट्स ने बताया कि ताज्जुब की बात ये है कि वो टर्म एंड  एग्जाम शुरू होने के दो दिन पहले से गायब है.11 जनवरी से टर्म एंड के  एग्जाम शुरू होने थे। 11 जनवरी को एनाटोमी, 13 जनवरी को

फिजियोलॉजी और 15 जनवरी को बायोकैमेस्ट्री का एग्जाम है.  इसके बाद 16, 17 और 18 जनवरी को इन तीनों ही एग्जाम का वायवा होना है। अमित के फ्रेंडस ने यह भी बताया कि इसके पहले उसने साल के 4 पार्ट कंप्लीशन टेस्ट दिए हैं। इन सारे टेस्ट के माक्र्स फाइनल में एड होते हैं। ऐसे में उसके एग्जाम छोड़कर जाने का कारण उसको और संदिग्ध बना रहा है.?

मोबाइल और एफबी तक बंद

बैचमेट्स की माने तो अमित ने अपना मोबाइल नंबर भी बंद कर दिया है। उसे संपर्क किया भी जाए तो कैसे किया जाए। जब उसे फेसबुक पर भी ट्रेस करने की कोशिश की गई तो उसने अपने आपको सभी फे्रंड्स से अलग कर लिया है। इसका मतलब साफ है कि उसने अपना फेसबुक आईडी भी बंद कर दिया है। न तो कॉलेज और न ही क्लासमेट उससे संपर्क कर पा रहे हैं। आखिर वे अपने फ्रेंड्स क्या दूर जा रहा है, इसका जवाब किसी के पास नहीं है.?

यशोमित्र का पोता हूं

उसके क्लासमेट बताते हैं कि वो दिन में 10 बार फ्रीडम फाइटर यशोमित्र के पोते होने की बात कहता था। कभी-कभी वो जानबूझकर जाहिर करने की कोशिश करता था, कि वह फ्रीडम फाइटर के खानदान से हैं। हम भी इस बात को काफी लाइटली लेने लगे थे। इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि वो अपने झूठ को सच साबित करने के लिए रोज इस बारे में बात करता था।

हो रहे हैं सवाल खड़े

कॉलेज एडमिनिस्टे्रशन ही नहीं अब अमित के बैचमेट्स के सामने भी कई  सवाल खड़े हो गए हैं? अगर अमित पूरी तरह से निर्दोष है तो वो भाग  क्यों रहा है? अगर घर में भी कोई दिक्कत है तो अपना फोन बंद क्यों  किया हुआ है? तीसरी बात कि आखिर कब आदमी अपनी फेसबुक आईडी बंद करता है कि जब उसकी प्रॉपर पहचान और उसे ट्रेस ही न किया जा सके।

गोरखपुर में भी हड़कंप

जहां मेरठ के एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में अमित के क्लासमेट और फ्रेंडस के बीच हड़कंप मचा हुआ है। वहीं, गोरखपुर में भी इस मामले का खुलासा होने के बाद पवन और अमित जायसवाल की फैमिली  सामने आने से कतरा रही हैं। जब आई नेक्स्ट ने इस मामले में और पड़ताल की तो कुछ सोर्सेज ने बताया कि फ्रीडम फाइटर के फर्जी सार्टिफिकेट पर एडमिशन दिलाने का खेल कई साल से चल रहा हैं। आज तक कोई मामला उजागर न होने के कारण शासन-प्रशासन की नजर इस तरफ नहीं गई। इस रैकेट के तार पूरे यूपी में फैले हुए है। एक बड़ा गिरोह कुशीनगर में भी सक्रिय हैं। प्रशासन के कुछ सोर्सेज का अंदेशा है कि कुशीनगर के गिरोह का भी इस मामले से कोई संबंध साबित हो सकता है.?