-पिछले एक साल से डॉ डीएन महतो केयू के रजिस्ट्रार इंचार्ज हैं, लास्ट इयर 24 अगस्त को मिला था अतिरिक्त प्रभार

-रजिस्ट्रार नियुक्ति के दो ही तरीके हैं, गवर्नर सेक्रेटेरिएट से नोटिफाई होने और जेपीएससी के थ्रू

-डॉ महतो का नाम गवर्नर हाउस नहीं भेजा गया, बिना वहां के अप्रूवल के यूनिवर्सिटी के नोटिफिकेशन पर ही बने हुए हैं रजिस्ट्रार

JAMSHEDPUR : कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) के प्रजेंट रजिस्ट्रार (इंचार्ज) डॉ डीएन महतो को किसने नियुक्त किया? कहां से हुआ नोटिफिकेशन? पिछले एक साल से डॉ महतो केयू के रजिस्ट्रार कैसे बने हुए हैं? डीएसडब्ल्यू रहते उनको अतिरिक्त प्रभार दिया गया था या रजिस्ट्रार-इंचार्ज बनाया गया? उनकी नियुक्ति टेम्पररी थी, तो कितने समय के लिए? ये तमाम सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब केयू एडमिनिस्ट्रेशन के पास शायद नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि लास्ट इयर ख्ब् अगस्त को केयू द्वारा जारी एक नोटिफिकेशन मात्र के आधार पर डॉ महतो अभी तक रजिस्ट्रार बने हुए हैं। यह रजिस्ट्रार की नियुक्ति के उन दो तरीकों से बिल्कुल अलग है जो झारखंड स्टेट यूनिवर्सिटी एक्ट में दिया गया है।

और ऐसे था रजिस्ट्रार का चार्ज

ख्ब् अगस्त ख्0क्फ् को गवर्नर हाउस से कोल्हान यूनिवर्सिटी को उस लेटर का जवाब मिला जिसमें रजिस्ट्रार पोस्ट के लिए व्यक्ति के मैक्सिमम एज के बारे में सलाह मांगी गई थी। मामला तत्कालीन रजिस्ट्रार डॉ केसी डे से रिलेटेड था। गवर्नर हाउस से भेजे गए लेटर (केयू 0क्ख्009/ख्ब्9क्/जीएस/रांची/ख्ब्-08-ख्0क्फ्) में एज को म्0 साल मैक्सिमम बताया गया और डॉ डे को तत्काल प्रभाव से कार्य मुक्त करने का आदेश दिया गया। उसी दिन यूनिवर्सिटी द्वारा नोटिफिकेशन (केयू/आर 7क्भ्/क्फ्/ख्ब्-08-क्फ्) जारी कर तत्कालीन वीसी डॉ सलिल कुमार रॉय ने डीएसडब्ल्यू डॉ डीएन महतो को रजिस्ट्रार का अतिरिक्त प्रभार दे दिया। उसी दिन दूसरा नोटिफिकेशन (केयू/आर 7क्म्/क्फ्/ख्ब्-08-क्फ्) जारी कर टाटा कॉलेज चाईबासा के डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ महतो को रजिस्ट्रार इंचार्ज बना दिया गया। इन दोनों ही नोटिफिकेशन में रिफ्रेंस गवर्नर हाउस के उस लेटर का दिया गया जिसमें केसी डे को तत्काल प्रभाव से हटाकर टेम्पररी रजिस्ट्रार को नियुक्त करने की बात कही गई थी। डॉ डीएन महतो के नाम को गवर्नर हाउस से अप्रूव कराने की भी जरुरत नहीं समझी गई।

क्या कहता है एक्ट

झारखंड स्टेट यूनिवर्सिटी एक्ट ख्000 के सेक्शन क्भ्(क्) में प्रावधान है कि यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार की नियुक्ति चांसलर (गवर्नर) कर सकते हैं। इसके अलावा एक्ट के सेक्शन 7ब् में रजिस्ट्रार की नियुक्ति के बारे में लिखा है कि झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (जेपीएससी) द्वारा यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रार की नियुक्ति प्रक्रिया के तहत की जा सकती है। यूनिवर्सिटी एक्ट में रजिस्ट्रार की नियुक्ति के सिर्फ यही दो तरीके दिए गए हैं। रजिस्ट्रार का टर्म पूरा हो जाने या दूसरी किसी आकस्मिक परिस्थिति में कुछ समय के लिए यूनिवर्सिटी किसी को रजिस्ट्रार बना सकता है, लेकिन लंबे समय तक वह व्यक्ति तभी उस पोस्ट पर बना रह सकता है जब गवर्नर हाउस से उसके नाम का अप्रूवल दे दिया जाए। उसमें ब् या म् महीने से ज्यादा समय होने पर गवर्नर हाउस से एक्स्टेंशन दिया जाता है। डॉ महतो के मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ।

नए वीसी ने भेजा प्रपोजल

केयू एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा हाल ही में रजिस्ट्रार की नियुक्ति के लिए गवर्नर हाउस को प्रपोजल भेजा गया है। गवर्नर हाउस सेक्रेटेरिएट में ओएसडी (जे) नलिन कुमार ने बताया कि रजिस्ट्रार के लिए प्रपोजल आया है जिसपर विचार किया जा रहा है। केयू द्वारा जेपीएससी को भी रजिस्ट्रार की नियुक्ति का प्रपोजल भेजा गया था, लेकिन यूनिवर्सिटी के स्टैट्यूट में बदलाव नहीं किए जाने की वजह से प्रपोजल वापस कर दिया गया था।

तो क्या होगा?

गवर्नर हाउस से नाम के साथ नोटिफिकेशन के बिना डॉ डीएन महतो के के इतने दिनों तक रजिस्ट्रार बने रहने को कानूनी रूप से चुनौती दिए जाने और ऐसे में उनके पिछले एक साल के कार्यकाल को सही माना गया तो क्या होगा? यह एक बड़ा सवाल है। अगर आगे ऐसी स्थिति कभी बनती है तो डॉ महतो के सिग्नेचर से हुए सारे काम पर रोक लगा दी जाएगी। उनके सारे ऑर्डर को कैंसिल किया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो न सिर्फ यूनिवर्सिटी के लिए बल्कि डिफरेंट कॉलेजेज के लिए भी प्रॉब्लम हो जाएगी।

मुझे जहां तक पता है अगर विशेष परिस्थिति में किसी को कुछ समय के लिए रजिस्ट्रार बनाया जाता है, तो जितनी जल्दी हो सके उनके नाम का नोटिफिकेशन गवर्नर हाउस से होना जरूरी होता है। यूनिवर्सिटी को अपने लेवल से लंबे समय के लिए रजिस्ट्रार को नियुक्त करने का अधिकार नहीं है।

- डॉ केसी डे, एक्स रजिस्ट्रार, केयू

यह तो मैं नहीं कह सकता कि रजिस्ट्रार के नाम को गवर्नर हाउस से अप्रूव क्यों नहीं कराया गया। यूनिवर्सिटी से लेटर आने पर ही गवर्नर हाउस नोटिफाई करता, लेकिन कोल्हान यूनिवर्सिटी के नए वीसी ने रजिस्ट्रार नियुक्ति के लिए प्रपोजल भेजा है जिसपर विचार चल रहा है।

- नलिन कुमार, ओसडी (जे), गवर्नर सेक्रेटेरिएट