सिटी के कई लोग हैं फेहरिस्त में
सिटी में कई लोग व्हीकल्स में वीआईपी लाइट लगाकर रूल्स का वॉयलेशन कर रहे हैं। इस फेहरिस्त में कई पॉलिटिकल पार्टीज के लीडर्स व कई गवर्नमेंट ऑफिसर्स भी शामिल हैं। जबकि अगर रूल्स की माने तो डिस्ट्रिक्ट में कुछ गिने-चुने ऑफिसर्स ही वीआईपी लाइट लगाने के लिए ऑथेराइज हैं। इनमें डिप्टी कमिश्नर (डीसी), सीनियर सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (एसएसपी), सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (एसपी), इनकम टैक्स कमिश्नर, डिस्ट्रिक्ट जज आदि शामिल हैं।

कोई डर नहीं
सेंट्रल मोटर व्हीलक रूल्स के क्लॉज 108 (3) के तहत स्टेट में कुछ स्पेशल लोगों और गवर्नमेंट ऑफिसर्स को ही अपनी ऑफिसियल व्हीकल पर बेकॉन लाइट (वीआईपी लाइट) यूज कर सकते हैं। पर अगर सिटी की रोड पर घूमकर देखें तो ऐसे कई लोग बिना किसी डर के अपनी गाडिय़ों पर लाल, पीली या नीली बत्ती लगाकर घूमते नजर आ जाएंगे। इन लोगों को प्रशासन का कोई डर नहीं। एमवीआई अवधेश कुमार ने बताया कि अनऑथराइज्ड पर्सन द्वारा बेकॉन (वीआईपी) लाइट यूज करते हुए पकड़े जाने पर 1,000 रुपए फाइन का प्रावधान है।

क्या है Governor का आदेश
स्टेट ट्रांसपोर्ट को हाल ही में स्टेट के गवर्नर की ओर से वीआईपी लाइट को लेकर कुछ आदेश दिये गए हैं। इसके साथ ही वीआईपी लाइट के लिए ऑथेराज्ड पर्सन्स की लिस्ट में कुछ नए लोगों को भी शामिल किया गया है। इस लेटर की कॉपी हर डिस्ट्रिक्ट ट्रांस्पोर्ट ऑफिस को दी जा चुकी है। इस ऑर्डर के साथ अनाऑथराइज्ड पर्सन्स द्वारा वीआईपी लाइट यूज किये जाने को लेकर सख्त एक्शन लेने के लिए भी आदेश दिया गया है।

क्या है नए रूल्स में?
-अगर कोई ऑथराइज्ड पर्सन गाड़ी में वीआईपी लाइट लगी होने के वाबजूद भी कई दिनों से व्हीकल का यूज नहीं कर रहा है तो उस व्हीकल पर लगी लाइट को काले आवरण से ढक दिया जाएगा।
-वीआईपी लाइट वाले पर्सन के व्हीकल पर पर्सन की पोस्ट और कंसंर्ड गवर्नमेंट का नाम लिख होना चाहिए।
-अविभाजित बिहार में गवर्नमेंट द्वारा बनाए गए इस विषय से संबंधित सभी रूल्स को खत्म कर दिया दिया गया है।  
डिस्ट्रिक्ट के इन ऑफिसर्स को है वीआईपी लाइट लगाने की अथॉरिटी
-डिप्टी कमिश्नर
-डिस्ट्रिक्ट जज
-सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस
-सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस

अनऑथेराइज लोग भी बेकॉन लाइट्स का यूज करते हैं। हालांकि हाल ही में आए गवर्नर आदेश के बाद ऐसे लोगों के अगेंस्ट एक्शन लेने की तैयारी की जा रही है।  
-जॉर्ज कुमार, डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिसर


बेकॉन लाइट को लेकर इंस्पेक्शन करते रहते हैं। अगर कोई दोषी पकड़ा जाता है तो उस पर कार्रवाई भी होती है।
-राकेश मोहन सिन्हा, ट्रैफिक डीएसपी