कहीं बम, कहीं गोली और कहीं हुई तोडफ़ोड़

एयू चुनाव नामांकन से पहले और उसके बाद तक की स्थिति पुलिस के कंट्रोल में रही। कहीं कुछ भी ऐसी स्थिति नहीं बनी कि इसे कंट्रोल करने के लिए पुलिस को सख्त कदम उठाना पड़ा हो। ये बात अलग है कि मतदान के पहले से ही स्टूडेंट्स लीडर आपस में भिड़ते रहे। बम और गोलियां चलती रहीं। मतदान के बाद भी कुछ यही हालात रहे।

रात में ढ़ाई बजे झड़प

चुनाव प्रचार को लेकर स्टूडेंट मंडे नाइट तक जोर शोर से लगे रहे। रात के ढाई बजे मिंटू अपनी फोर व्हीलर कार से सलोरी एरिया में समर्थकों से साथ पहुंचा था। वह उस एरिया में पोस्टर चस्पा कर रहा था। इस दौरान स्टूडेंट लीडर सोनू के साथ उनकी झड़प हो गई। आरोप है कि सोनू अपने समर्थकों के साथ मिलकर मिन्टू से भिड़ गया। उसकी कार को भी तोड़ डाला। बाद में वहां पहुंचे एक और माफिया छात्र नेता के दखल देने के बाद मामला शांत हुआ। मिन्टू ने रात में ही कर्नलगंज पुलिस से इसकी कंप्लेन दर्ज कराई। आरोप यह भी है कि इस दौरान उन्होंने फायरिंग भी की थी।

बमों की आवाज आती रही

ट्यूजडे को नामांकन के बाद से ही एयू कैंपस के आसपास बमों की आवाज सुनाई देती रही। हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। चुनाव लेट से शुरू हुआ। सब कुछ सही चल रहा था। इस दौरान दोपहर में अचानक एक हॉस्टल में बम चलने की आवाज सुनाई दी। हालांकि इस मामले में कोई पुलिस वाले ने कोई जांच नहीं की। इसी दोपहर में एक बजे लल्ला चुंगी के पास किसी ने बम फोड़ा था। शाम को सीएमपी के पास भी बम चले।

डरी सहमी नजर आई पुलिस

वैसे तो चुनाव को लेकर पुलिस हर पल मुश्तैद नजर आई। पूरा कैंपस आसपास का एरिया खाकी से ही भरा रहा। लेकिन जब स्टूडेंट्स अपने काफिले को लेकर आगे बढ़ रहे थे। बीच रास्ते में नारेबाजी कर रहे थे तो उन्हें रोकने या चौराहे से आगे बढ़ाने के लिए पुलिस अकेले हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी। कई जगहों पर पुलिस ने पैरा मिलिट्री वालों को बुलाया और उसके बाद फ्रंट पर पहुंची।