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कौन खा गया 1.5 करोड़ के एप्पलल!

-केजीएमयू में एक और गोलमाल की आशंका

LUCKNOW: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में सवा साल पहले डेढ़ करोड़ खर्च कर एचपी के 300 लैपटॉप खरीदे गए थे। 'आनलाइन एग्जाम' के लिए परचेज किए गए लैपटॉप का न कोई यूज हुआ और न खबर लगी। ऐसे में केजीएमयू में एप्पल घोटाले की आशंका भी उठने लगी है।

होना था ऑनलाइन एग्जाम

अप्रैल, 2016 में केजीएमयू वीसी प्रो। रविकांत ने बताया था कि एमबीबीएस, बीडीएस, एमडी एमएस, पैरामेडिकल, नर्सिग और अन्य कोर्सेज के लिए एग्जाम ऑनलाइन कर दिया जाएगा। जिसमें प्रश्न और उनके उत्तर कंप्यूटर में फीड कर दिए जाएंगे। इसका फायदा होगा कि पेपर की जांच भी कंप्यूटर ही करेगा, इससे गलतियां नहीं होंगी। सिस्टम ऑनलाइन होने से यह भी फायदा मिलता कि एग्जाम खत्म होते ही स्टूडेंट्स को रिजल्ट भी मिल जाता।

आईटी सेल ने खरीदे थे लैपटॉप

सूत्रों की मानें तो ऑनलाइन एग्जाम प्रोसेस करने के लिए एप्पल कंपनी के 300 से अधिक लैपटॉप 2015 में ही खरीद लिए गए थे। यह लैपटॉप केजीएमयू की आईटी सेल ने खरीदे थे। लेकिन लैपटॉप आने के बाद से अब तक स्टूडेंट्स को इसकी सुविधा नहीं मिल सकी है। आईटी सेल लैपटॉप को रखे हुए है। जबकि रखे रखे ही इनका वारंटी पीरियड भी खत्म हो चुका।

पेपरलेस से बचते करोड़ों

केजीएमयू में एक समय में एमबीबीएस में 1250, बीडीएस में लगभग 500, एमडी एमएस व एमसीएच में 700 से अधिक और लगभग 500 पैरामेडिकल स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं। नई व्यवस्था से इन सबका एग्जाम होगा। इससे कागज तो बचेगा ही, साथ ही समय और टीचर्स का काम भी कम होगा। इस मद में खर्च होने वाला केजीएमयू का करोड़ों का बजट बच जाता और फायदा स्टूडेंट व मरीजों को मिलता।

अभी तक एग्जामिनेशन सेल को लैपटॉप नहीं मिलेहैं। जिसके कारण अभी एग्जाम ऑनलाइन नहीं किए गए हैं।

-प्रो। एके सिंह, एग्जाम कंट्रोलर, केजीएमयू