नहीं चेत रहे school management
टेल्को के वैली व्यू स्कूल में 8 महीने के अंतराल में यह दूसरी घटना है। पहली घटना के बाद भी स्कूल मैनेजमेंट नहीं अलर्ट हुआ और उसकी लापरवाही एक बार फिर से उजागर हो गई। हैरत की बात तो यह है कि स्कूल मैनेजमेंट को घटना कैसे हुई, इसका पता ही नहीं चला। जनवरी में इडली खाने से कैम्पस में स्टूडेंट की डेथ के बाद कैम्पस से कैंटीन व्यवस्था बंद कर दी गई।

चार फूट की दीवार से किये जा रहे हैं सेफ्टी के इंतजाम
स्कूल के फस्र्ट फ्लोर और उसके बाद के बाकी फ्लोर पर बरामदे में केवल 3 से 4 फूट की दीवार सेफ्टी के लिए खड़ी कर दी जाती है। स्कूल मैनेजमेंट यह मान कर चलता है कि बच्चे उसपर नहीं चढ़ेंगे। इसी ओवर कांफिडेंस व अटेंशन न होने का ही परिणाम है कि गोविन्द विद्यालय में रेलिंग से गिरकर एक बच्चा घायल हो गया। पैरेंट्स का कहना है कि बरामदे में बनी रेलिंग के बाद पूरे हिस्से को ग्रिल से ब्लॉक कर देना चाहिए, ताकि किसी तरह की घटना को रोका जा सके, लेकिन गिने-चुने स्कूल में ही बरामदे के खाली स्पेस को ग्रील से ब्लॉक किया गया है।

नहीं है proper medical assistance
सिटी के मैक्सिमम स्कूल्स में क्रिटिकल सिचुएशन से निपटने के लिए प्रॉपर मेडिकल असिस्टेंस का अरेंजमेंट नहीं है। सीबीएसई ने 2010 में सभी एफिलिएटेड स्कूल्स को अपने आसपास के हॉस्पिटल्स से टाईअप करने को कहा था, ताकि इमरजेंसी के वक्त उनकी हेल्प ली जा सके। इस संबंध में 18 अक्टूबर 2010 को सीबीएसई के चेयरमैन विनित जोशी द्वारा एक सर्कुलर भी जारी किया गया था, लेकिन अब तक सिटी के मैक्सिमम स्कूल्स में यह व्यवस्था लागू नहीं की जा सकी है, हालांकि कुछ स्कूल्स द्वारा ट्रेंड एएनएम होने की बात कही जा रही है।

10 schools में नहीं है fire safety arrangement
स्कूल्स में सेफ्टी मेजर्स पर नजर रखने व अवेयरनेस के लिए सेफ क्लब का गठन किया गया। सेफ क्लब के तत्वावधान में ‘सेफ्टी अवेयरनेस फॉर एवरी वन’ को टाटा स्टील की हेल्प से संचालित किया जा रहा है। इसके तहत स्कूल बिल्डिंग, बस में व्यवस्था, फायर सेफ्टी सहित अन्य पर नजर रखी जाती है। पिछले दिनों सेफ क्लब द्वारा की गई जांच में यह बात सामने आयी कि 10 स्कूल्स में फायर सेफ्टी मेजर्स को फॉलो नहीं किया जा रहा है।

Safe club से connected हैं सिटी के 70 schools
सेफ क्लब के साथ सिटी के लगभग 70 स्कूल कनेक्टेड हैं। सेफ क्लब की कन्वेनर चंद्रा शरण कहती हैं कि क्लब द्वारा अवेयरनेस कैम्पेन चलाया जाता है। इसके तहत सैटरडे को जुस्को स्कूल में सेफ्टी अवेयरनेस प्रोग्र्राम आर्गनाइज किया गया। इन्फॉर्मेशन के मुताबिक नेक्स्ट वीक टेल्को स्थित गुलमोहर स्कूल में फायर सेफ्टी पर अवेयरनेस प्रोग्राम ऑर्गनाइज किया जाएगा।

'किस बच्चे के साथ क्या प्रॉब्लम है कहना मुश्किल है। आजकल टीवी बच्चों को मैच्योर बना रहा है। इस तरह की घटनाएं हो रही हैं, इसमें स्कूल क्या कर सकता है? पैरेंट्स ही बच्चों को संभाल सकते हैं.'
-एपीआर नायर, सेक्रटरी, जमशेदपुर अन एडेड स्कूल एसोसिएशन

'स्कूल मैनेजमेंट केवल पैरेंट्स पर जवाबदेही थोपकर बच नहीं सकता। स्कूल कैम्पस में अगर कोई घटना होती है तो उसका जिम्मेवार स्कूल मैनेजमेंट ही होगा न की पैरेंट्स। स्कूल मैनेजमेंट को कैम्पस में सेफ्टी पर ध्यान देना होगा.'
-डॉ उमेश कुमार, प्रेसिडेंट, जमशेदपुर अभिभावक संघ

'स्कूल्स में बच्चों की सेफ्टी का ध्यान नहीं रखा जाता है। यही कारण है कि स्कूलों में आए दिन इस तरह के इंसीडेंट्स सामने आ रहे हैं। स्कूल मैनेजमेंट को सेफ्टी पर ध्यान देना चाहिए.'
-रेणु सिंह, पैरेंट

'स्कूल में तो बच्चों की सेफ्टी की रिस्पांसबिलिटी टीचर्स और स्टाफ पर होती है, लेकिन वे अपनी जिम्मेवारी से चूक जाते हैं। इस कारण घटनाएं सामने आ रही हैं। आखिर स्कूल पैरेंट्स से भारी भरकम फीस लेते किसलिए हैं?
-प्रीतम सिंह भाटिया, जुगसलाई

Report by: goutam.ojha@inext.co.in

National News inextlive from India News Desk