-एलबीएस के डिप्टी डायरेक्टर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने से पुलिस ने किया इंकार

-आरोपी डिप्टी डायरेक्टर के खिलाफ रूबी चौधरी की तहरीर की गई वापस

-रूबी चौधरी पुलिस के इस रवैये से हैरान, खुद को बताया जान का खतरा

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DEHRADUN : मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी के डिप्टी डायरेक्टर सौरभ जैन के खिलाफ फर्जी आईएएस अधिकारी रेनू चौधरी की तहरीर पुलिस द्वारा लौटा देना तमाम तरह के सवाल खड़ा कर रहा है। माना जा रहा है कि पुलिस ने यह कदम किसी अधिकारी के दबाव में आकर उठाया है। रूबी भी पुलिस के इस कदम से हैरान है। उसने उत्तराखंड पुलिस को कटघरे में खड़ा करते हुए मेरठ में मुकदमा दर्ज करवाने की बात कहते हुए खुद की जान को खतरा बताया है। साफ किया है कि उसे कुछ भी होने की स्थिति उत्तराखंड पुलिस जिम्मेदारी होगी।

चंद घंटे बाद लौटा दी गई तहरीर

दरअसल, छह माह से अधिक समय तक फर्जी आईडी कार्ड के आधार पर लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी मसूरी में रहने वाली फर्जी आईएएस अधिकारी रूबी चौधरी ने गुरुवार को सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि अकादमी के डिप्टी डायरेक्टर सौरभ जैन ने उसे लाइब्रेरियन के पद पर नौकरी दिलाने का झांसा दिया था। डील टोटल बीस लाख में तय हुई थी, जिसमें वह पांच लाख सौरभ जैन को दे चुकी थी। इसी के चलते वह अकादमी में आती जाती थी। आने जाने में दिक्कत न हो इसके लिए सौरभ जैन ने उसे एसडीएम का फर्जी आईडी कार्ड मुहैया करवाया था। जिसके बाद पुलिस ने रूबी जैन को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की। रूबी चौधरी ने आरोपी सौरभ जैन के खिलाफ नेहरू कॉलोनी पुलिस को लिखित शिकायत दी थी, जिसे पुलिस ने शुक्रवार को लौटाते हुए मुकदमा दर्ज करने से इंकार कर दिया।

अब तक नहीं किया अरेस्ट

अकादमी में रहने के मामले में फर्जी आईएएस अधिकारी रूबी चौधरी के खिलाफ मसूरी में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी उसे गिरफ्तार न किया जाना ही पुलिस पर दबाव होना साफ दर्शाता है, लेकिन शुक्रवार को इस पर पुलिस ने रूबी की उस तहरीर को लौटा कर पक्की मुहर लगा दी है जिसमें रूबी ने एलबीएस के डिप्टी डायरेक्टर सौरभ जैन के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। यही कारण है कि मामले में अब पुलिस अधिकारियों ने भी चुप्पी साध ली है। वहीं दूसरी तरफ एलबीएस अकादमी से भी कुछ प्रतिक्रिया सामने नहीं आ रही है। गुपचुप तरीके से हो रही मामले की जांच ने रूबी को भी डरा दिया है। उसने खुद को जान का खतरा बताते हुए कहा कि उसे कुछ हुआ तो इसके लिए उत्तराखंड पुलिस जिम्मेदार होगी। वह आरोपी डिप्टी डायरेक्टर के खिलाफ मेरठ जाकर रिपोर्ट दर्ज करवाएगी।

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एकजुट हो रही आईएस लॉबी

देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में शामिल लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी के सीनियर अधिकारी पर लगे इन आरोपों से दिल्ली तक खलबली मच गई है। माना जा रहा है कि मामले को दबाने में आइएएस लॉबी एकजुट होने लगी है। आशंका जताई जा रही है कि इसी लॉबी के दबाव में पुलिस काम कर रही है, फिलहाल पुलिस मामले की जांच की बात कह रही है, जिसके लिए शुक्रवार को स्पेशल इंविस्टगेशन टीम ने मसूरी स्थित एलबीएस पहुंचकर कई अधिकारी और कर्मचारियों से पूछताछ की। इसके अलावा एक टीम रूबी के परिजनों से पूछताछ के लिए मुज्जफरनगर व मेरठ भेजी गई है।

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रूबी बदल सकती थी केस का रुख

मुकदमा दर्ज होने के बाद भी रूबी को गिरफ्तार न करना समझ के परे है। माना जा रहा है कि पुलिस ने यह कदम आरोपी अधिकारी के बचाव में उठाया है। आशंका जताई जा रही है कि यदि पुलिस रूबी को गिरफ्तार करती तो अपने बयान से केस का रूख दूसरी तरफ मोड़ सकती थी। यही कारण है कि पुलिस ने उसे छोड़ दिया। अब मामले में पुलिस किसी भी तरह की कार्रवाई करने से बचती नजर आ रही है, जिसका उदाहरण रूबी की तहरीर वापस लौटाना है।

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पति नहीं आया सामने

आईएएस अकादमी मसूरी में सामने आए इस मामले से पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है, लेकिन हैरानी बाली बात यह है कि अभी तक मुजफ्फरनगर के कुटगी गांव निवासी रूबी के पति देवेन्द्र मामले से दूरी बनाए हुए हैं। फिलहाल पुलिस परिजनों से भी पूछताछ करने की बात कह रही है, लेकिन रूबी का कहना है कि यह मामला उसका खुद का है, इसमें उसके परिवार वालों को न लाया जाए।