SIWAN/PATNA: जाको राखे साइयां मार सके ना कोय, बाल न बांका कर सके जो जग बैरी होय यह कहावत मंगलवार की देर रात सत्य साबित हुई। दरअसल मंगलवार की रात माघर गांव में नहर किनारे बसे लोग कड़कड़ाती ठंड में घर में सोए हुए थे। अचानक एक व्यक्ति की नींद टूटने के बाद घर के बगल से गुजरने वाली नहर के पास से नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी।

जब नवजात को गोद में उठाया

परिवार के अन्य सदस्यों को जगाकर आवाज की टोह लेते नहर के पास पहुंचा तो वहां कपड़े में लिपटा एक नवजात रो रहा था। गांव के ही नगीना महतो ने पत्नी की सहमति सेच्बच्चे को गोद में उठाया और उसे अपने घर ले आए। ठंड के कारण नवजात का शरीर ठंडा हो गया था। इस घटना की जानकारी पड़ोसी को भी दी गई। पड़ोसियों ने नगीना महतो के इस कदम की सराहना की। एक्स मुखिया मनमोहन मिश्र और अंगद मिश्र ने कहा कि नगीना ने नवजात को अपना नाम देकर साहसिक काम किया है। पड़ोसी सुरेश, निहोरा और महेश महतो ने बताया कि नवजात को जब गोद में उठाया, उस समय वह रो-रो कर थक चुका था।