जो स्थिर है वही सेफ है
सेंसेक्स को 22 हजार के पार पहुंचाने में कुछ सेक्टर्स का बड़ा रोल है। इनमें बैंकिंग, आईटी, फार्मा और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टर्स शामिल हैं। इसके अलावा मार्केट को उंचाई पर पहुंचाने में फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) के शेयर्स ने भी काफी अहम रोल प्ले किया है। शेयर ट्रेडिंग से जुड़े दिलीप अग्रवाल ने कहा कि एफएमसीजी जैसे सेक्टर के शेयर के रिटर्न को इसी से समझा जा सकता है कि 5 साल पहले नेस्ले का शेयर 1 हजार का था जो अभी लगभग 5 हजार पर है। इसके साथ वे यह भी कहते हैं कि जिन सेक्टर्स के शेयर अभी बूम पर हैं वे कुछ समय बाद नीचे आ सकते हैं पर जिन कंपनीज के शेयर इस समय स्थिर हैं वे इंवेस्टर्स को फायदा पहुंचा सकते हैं।


 Infrastructure based कंपनीज में इन्वेस्ट करना ठीक
एक्सपट्र्स का कहना है कि जब मार्केट इतनी उंचाई पर हो तो ऐसे में इंवेस्ट करने के लिए सबसे सही कंपनीज वही होती हैं जो स्थिर बनी रहे। दिलीप अग्रवाल का कहना है कि इंफ्रास्ट्रक्चर बेस्ड कंपनी के शेयर में पैसे लगाना अभी के लिए अच्छा रहेगा। इनमें स्टील, पावर और सीमेंट की कंपनीज शामिल हैं। उनका कहना था कि नई गवर्नमेंट आने के बाद इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में कुछ न कुछ काम जरूर किया जाएगा इसलिए इस एरिया में डेवलपमेंट के काम होंगे और इससे जुड़ी कंपनीज आगे बढ़ेंगी। ऐसे में टाटा स्टील, भेल, जिंदल स्टील और हिन्डालको जैसी कंपनीज में पैसे लगाना अच्छा रहेगा।


मार्केट की ये उछाल क्या बता रही?
मार्केट के इस उछाल पर हमने बात की स्टेट के फेमस इकोनॉमिस्र्ट डॉ रमेश शरण से। उन्होंने कहा कि नई गवर्नमेंट से शुरुआती दौर में मार्केट को काफी उम्मीदें रहती हैं, क्योंकि गवर्नमेंट कुछ हटकर और जल्दी काम करके दिखाना चाहती है। हालांकि, उन्होंने मार्केट के इस उछाल को पूरी तरह से इलेक्शन और नई गवर्नमेंट से जोडऩे की बात नहीं की। उनका कहना था कि वल्र्डवाइड इकोनॉमी डिप्रेशन से उबर रही है। फिस्कल डेफिसिट कम हो रहे हैं। उनका यह भी कहना था कि मई लास्ट तक मार्केट का असली रूप सामने आ सकता है जो कुछ समय तक बना रहेगा।

सिटी में डेली 100 करोड़ की ब्रोकिंग
सिटी में डेली 100 करोड़ रुपए के शेयर का कारोबार होता है। इंवेस्टर्स की बात करें तो लगभग 98 परसेंट इंवेस्टर्स इंट्राडे (खरीद-बिक्री) वाले हैं। बाकी बचे दो परसेंट में 1.5 परसेंट शॉर्ट टर्म इंवेस्टर्स हैं जो दो दिन से दो महीने तक के लिए पैसे इंवेस्ट करते हैं। सिर्फ 0.5 परसेंट ही लांग टर्म इंवेस्टर्स हैं जो दो महीने से ज्यादा समय के लिए शेयर में पैसे लगा रहे हैं। इस फिल्ड के जानकार दिलीप अग्रवाल ने कहा कि हर जगह इंवेस्टर्स का रेशियो करीब-करीब यही रहता है।


मार्केट को इस उंचाई पर पहुंचाने में बैंकिंग, आईटी, ऑटोमोबाइल सेक्टर्स की शेयर का अहम रोल रहा है.  मार्केट द्वारा नई गवर्नमेंट को वेलकम किया जा रहा है।
-दिलीप अग्रवाल, मार्केट एक्सपर्ट


नई गवर्नमेंट से मार्केट को उम्मीदें तो रहती हैं। हालांकि अभी तक किसी भी सर्वे में किसी पार्टी को मेजोरिटी में आने की बात नहीं कही गई है इसलिए मार्केट के इस उछाल को पूरी तरह से उससे नहीं जोड़ा जा सकता। हम वल्र्ड वाइड देखें तो इकोनॉमी में सुधार हो रहा है।
-डॉ रमेश शरण, इकोनॉमिस्ट

Report by :amit.choudhary@inext.co.in