ये वही व्यापारी हैं जो अब तक अरविंद केजरीवाल को उनके मुख्यमंत्री बनने पर उन्हें 10 किलो की माला पहनाते और अपने सिर-आंखों पर बिठाते दिखाई पड़ रहे थे. इन दिनों वो उनसे कुछ डरे डरे दिख रहे हैं. असल में केजरीवाल का टारगेट वैट रेवन्यु  को 50 परसेंट बढ़ाने का है. एक इकॉनामिक मामलों से जुड़े एक न्यूज पेपर की न्यूज पर बिलीव करें तो केजरीवाल सरकार व्यापारियों को ये भरोसा दिलाते हुए कि उन्हें किसी भी तरह की प्राब्लम फेस नहीं करनी पड़ेगी अपने टारगेट तक पहुंचने की पूरी कोशिश कर रहे है. इसी बात से व्यापारी कुछ डरे हुए हैं.

बिजनेस ग्रुप्स के लोगों में केजरीवाल के इस प्लान को लेकर कई डाउट्स हैं और उन्होंने इसे जताने की भी कोशिश की है. वैसे ये भी सही है कि व्यापारियों का विश्वास पूरी तरह से आप और केजरीवाल से डिगा नहीं है. यही कारण है कि फॉरमली अपना विरोध सामने लाने से पहले व्यवसायी दिल्ली सरकार के बजट का वेट करने की बात कर रहे हैं. दूसरी तरफ अभी कई बिजनेस मैन और ग्रुप्स इसलिए भी फ्रेंट में नहीं आ रहे कि कहीं पूर्ण बहुमत वाली स्थायी सरकार से सीधा टकराव लेने पर कहीं लेने के देने ना पड़ जायें.

व्यापार सेल से जुड़े लोगों का कहना है कि व्यापारियों को लेकर सरकार के रुख में कोई बदलाव देखने में नहीं आया है. न तो वह टैक्स बढ़ाने की बात कर रही है और न ही रेड डालने की धमकी दे रही है. मुख्यमंत्री तो केवल इतना कह रहे हैं कि जो टैक्स भ्रष्टाचार के चलते न तो सरकार के पास आ रहा है और न ही ट्रेडर की जेब में ही रुक रहा है उसे वसूलने पर काम करना होगा. सेल ने इंश्योर करने की कोशिश की है कि किसी को बेवजह परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सरकार व्यापारियों से राय लेकर ही कोई बड़ा फैसला करेगी. जिसके लिए मुख्यमंत्री जल्द ही व्यापारियों के साथ मीटिंग भी करेंगे.

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