ल भी अपने ऑफीशियल ट्विटर अकाउंट पर आए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने आईआईटी मद्रास के एक छात्रों के समूह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विरोधी पर्चे बांटने और उनका विरोध करने पर प्रतिबंध लगाने का विरोण करते हुए एक ट्वीट किया. इसके बाद उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा कि इस प्रतिबंध का उद्देश्य विरोध को दबाना है और वह इस तरह के प्रयासों के खिलाफ संघर्ष करेंगे. इन दोनों ट्वीट के बाद अचानक मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी इतने गुस्से  में आ गयीं कि उन्होंने पलटवार करते हुए राहुल को ना सिर्फ शिक्षा सहित शासन के मुद्दों पर बहस करने की चुनौती दी बल्कि उनपर आरोपों की झड़ी लगाते हुए एनएसयूआई के पीछे छिपकर अपनी लड़ाई ना लड़ने का मशवरा भी दे डाला.

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा कि मोदी सरकार की आलोचना करने के लिए आईआईटी छात्र समूह पर प्रतिबंध. आगे क्या होगा. और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमारा अधिकार है. असहमति और चर्चा को दबाने के किसी भी प्रयास के खिलाफ हम लड़ेंगे.


इसके बाद तो ईरानी पूरे जोश में आ गयीं. उन्होंने एक के बाद एक ट्वीट करके कहा कि अगली बार अपनी लड़ाई खुद लड़े, एनएसयूआई के पीछे न छिपें. फिर वो बोली कि वे जल्द अमेठी लौट रही हैं वहां उनसे मिलेंगी. फिर वो चैलेंज करते हुए बोलीं की वो कहीं भी किसी भी टाइम शिक्षा के मुद्दों पर उनसे डिबेट कर लें. स्मृति ने राहुल पर उनके घर एनएसयूआई वर्कस के रूप में गुण्डे भेजने का भी आरोप लगाया.


सवाल ये है कि इतना आक्रोश सामान्य नहीं लगता तो क्या स्मृति किसी बात पर व्यक्तिगत रूप से राहुल से खफा हैं. आखिर एक कमेंट पर इतना आहत दिखने और चुनौती देने का क्या मतलब है. जाने कितने मुद्दों पर राहुल, सरकार पर पिछले कई दिनों से हमले कर रहे हैं. बीजेपी और दूसरे कांग्रेस विरोधी भी उन पर हमले करते रहे हैं, लेकिन किसी में भी इतना गुस्सा नहीं दिखाई दिया अचानक ऐसा क्या हो गया जो स्मृति ने इस तरह रिएक्ट किया है. या फिर कुछ पुराने जख्म हैं जो अब भी दर्द कर रहे हैं. हालाकि राहुल गांधी की ओर से इनमें से किसी भी बात पर कोई जवाब नहीं आया है.

 

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