-आत्महत्या का प्रयास करने वाला छात्र हॉस्पिटल में है भर्ती

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क्कन्ञ्जहृन्: बिहार में इंजीनियरिंग करने वाले छात्र गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं और जब इनकी जान पर बन आई तो सरकार की आंखें खुली। मामला बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों में कॉलेज प्रशासन के तानाशाही रवैए के कारण छात्रों द्वारा आत्महत्या करने पर मजबूर होने का है। भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र क्षितिज ने पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। आनन-फानन में उसे पटना के आईजीआईएमएस में भर्ती कराया गया। वह इमरजेंसी आईसीयू में भर्ती हैं। वह कॉलेज प्रिंसिपल द्वारा एफआईआर करने के कारण सदमे में आकर यह फैसला किया। इसी प्रकार, इसी कॉलेज के छात्र शिवम कुमार, साहिल भारद्वाज ने भी हाथ की नस काटकर आत्महत्या का प्रयास किया। दोनों की जान बड़ी मुश्किल से बचायी जा सकी।

8 सदस्यीय कमेटी करेगी जांच

इस संवेदनशील मामले को लेकर सरकार ने स्टेट बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन के डायरेक्टर अतुल सिन्हा की अध्यक्षता में 8 सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। एमआईटी, मुजफ्फरपुर के प्रिंसिपल, भागलपुर के डीएसपी, बख्तियारपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल सहित अन्य पदाधिकारी शामिल हैं। यह 15 सितंबर तक रिपोर्ट देगी। हालांकि तकनीकी छात्र संगठन के पूर्व अध्यक्ष गुलफराज ने स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की।

नियमों की अनदेखी कर मनमानी करने का आरोप

छात्रों ने आरोप लगाया कि बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रिंसिपल के तानाशाही रवैए के कारण बिहार की इंजीनियरिंग पीढ़ी खतरे में है। नियम के मुताबिक यदि कोई छात्र कॉलेज का अनुशासन तोड़ता है या कॉलेज परिसर में संसाधन की क्षति पहुंचाता है तो उसके उपर प्रिंसिपल या संबंधित प्राधिकारी दंडात्मक कार्रवाई कर सकते हैं। उसे क्लास करने से रोकना, पैरेंट्स को बुलाकर चेतावनी देना, आर्थिक दंड लगाने जैसी कार्रवाई की जा सकती है। लेकिन इन सभी से उपर जाकर कॉलेज प्रशासन के द्वारा त्वरित रूप से संवैधानिक कार्रवाई करते हुए उनके उपर एफआईआर किया जा रहा है।

आखिर एफआईआर क्यों

तकनीकी छात्र संगठन के संस्थापक विशाल कुमार ने कहा कि जब कॉलेज में अनुशासन कमेटी है तो छात्रों पर सीधे एफआईआर क्यों किया जा रहा है। अलग-अलग मामले में एमआईटी, मुजफ्फरपुर, के 17 छात्रों पर एफआईआर किया गया है। इसी प्रकार, छपरा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग 11 छात्रों पर एफआईआर किया गया था। भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र क्षितिज ने दो -दो बार इंटरनल परीक्षा लेने पर विरोध कर रहे छात्र रमेश पर दिनांक 23/08/2018 को कॉलेज के प्रिंसिपल द्वारा एफआईआर कर दिया गया।

मामला संवेदनशील है। जांच कमेटी ने छात्रों, शिक्षकों और अन्य संबंधित लोगों से बात की है। मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई होगी।

-अतुल सिन्हा,

जांच कमेटी के अध्यक्ष एवं एसबीटीई के निदेशक