-मीरगंज में 21 जनवरी 2015 को एसडीएम ने 67 महिलाओं को फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर पेंशन निकालने की दर्ज कराई थी एफआईआर

-क्राइम ब्रांच के विवेचक ने डीएम से राजस्व कर्मियों पर अभियोग चलाने और गिरफ्तारी की अनुमति के लिए लिखा पत्र

BAREILLY: तीन वर्ष पहले मीरगंज तहसील में फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर 67 महिलाओं को विधवा पेंशन दिलाने के मामले में राजस्व कर्मियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। क्राइम ब्रांच के विवेचक कमल सिंह ने डीएम आर विक्रम सिंह को राजस्व कर्मियों पर अभियोग चलाने और गिरफ्तारी के लिए अनुमति देने के लिए पत्र लिखा है। हालांकि इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

एसीएम की जांच में पाए गए दोषी

जानकारी के मुताबिक विधवा पेंशन में फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद तत्कालीन एसडीएम ने मीरगंज थाने में 21 जनवरी 2015 को धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले की जांच एसीएम फ‌र्स्ट ने की थी, जिसमें राजस्व कर्मी दोषी पाए गए थे। क्राइम ब्रांच के विवेचक कमल सिंह के मुताबिक विवेचना में राजस्व कर्मियों ने कोई सहयोग नहीं किया।

ये मिले दोषी

इस केस में राजस्व निरीक्षक हजारी सिंह व नूरउल हक, लेखपाल मनवीर सिंह, नन्हें प्रसाद, बृजलाल, अशोक कुमार, नरेश कुमार सिंह, अरुण कुमार शर्मा, शिशुपाल और अनवर सईद वांटेड चल रहे हैं। इन सभी पर अभियोग चलाने और उनकी गिरफ्तारी के लिए डीएम को पत्र लिखकर विवेचक ने अनुमति मांगी है।