भारतीय उपमहाद्वीप में अपने विस्तार के मकसद से विकीपीडिया ने मुंबई में तीन दिन का सम्मेलन रखा हुआ है जहाँ सैकड़ों लोग आए हैं। रविवार को दूसरा दिन है। विकीपीडिया के संस्थापक जिमी वेल्स भी आए हुए हैं।

भारत में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की बढ़ती संख्या में विकीपीडिया अपनी पैठ बढ़ाना चाहता है। इसके लिए वो हिंदी, मराठी और गुजराती जैसी स्थानीय भाषाओं में नए पेज बना रहा है। वेबसाइट का कहना है कि मुंबई में जारी सम्मेलन उसके सबसे बड़े सम्मेलनों में से एक है।

सम्मेलन के दौरान मुंबई यूनिवर्सिटी का कैंपस उन लोगों से भरा हुआ है जो विकीपीडिया के पाठक और संपादक हैं। पुणे से आए 21 साल के अभिषेक सूर्यवंशी ऐसे ही एक पाठक हैं। वे कहते हैं कि ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को इंटरनेट से जुड़ना चाहिए और विकीपीडिया में योगदान देना चाहिए क्योंकि सबके पास नई जानकारियाँ होती हैं।

वे कहते हैं, “भारत में रिग वेद और भगवत गीता से लेकर आधुनिक तकनीक की जानकारी है। विकीपीडिया के ज़रिए भारतीय अपना ज्ञान दुनिया को दिखा सकते हैं.”

आलोचक

विकीपीडिया की शुरुआत दस साल पहले 2001 में हुई थी। विकीमीडिया फ़ाउंडेशन के हिशम मुनडोल कहते हैं, भारत विकीपीडिया के लिए अहम जगह है। यहाँ लाखों लोग इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं। इनमें से बहुत से लोगों के लिए अपनी मातृ भाषा में लिखना बोलना ज़्यादा सहज है। इसलिए भारतीय भाषाओं से जुड़ी विकीपीडिया की योजनाएँ बनानी होंगी।

लेकिन विकीपीडिया के आलोचक भी है। मुंबई में कुछ लोग विरोध भी कर रहे हैं। इनका कहना है कि विकीपीडिया में भारत के नक्शे में उसकी सीमा को ग़लत तरीके से दिखाया गया है।

विकीपीडिया के संस्थापक जिमी वेल्स इन आलोचनाओं से विचलित नहीं हैं। उनका कहना है कि ऐसे मु्द्दों पर विकीपीडिया को निष्पक्ष रहना होगा।

वे कहते हैं कि भारत का सही नक्शा क्या है ये तय करना उनका काम नहीं है बल्कि लोगों को ये बताना उनका काम है कि इसे लेकर कोई विवाद चल रहा है।

International News inextlive from World News Desk