केंद्र सरकार ने बदला फैसला
केंद्र सरकार ने कैप्टन सौरभ कालिया की मौत की जांच मामले में अपना रुख बदलते हुए इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में अर्जी देने की बात मान ली है. विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने इस मुद्दे पर सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि जिस तरह से भारतीय जवान कैप्टन सौरभ कालिया को यातनाएं देकर मौत के घाट उतारा गया वह अपने आप में असाधारण है. इस आधार पर सरकार ने फैसला किया है कि वह इस मुद्दे के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर पूछेगी कि क्या हम इस मामले को लेकर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में जा सकते हैं. अगर सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अपनी सहमति प्रदान करता है तो हम जरूर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस जाएंगे. बताते चलें कि कैप्टन कालिया का शव कारगिल की बर्फीली पहाड़ियों में मिला था और उनकी मौत कठिन मौसम की वजह से हुई थी. लेकिन जिस तरह से कैप्टन कालिया को मौत के घाट उतारा गया वह जेनेवा कंवेंशन के खिलाफ जाता है. इसी आधार पर सरकार इंसाफ की मांग कर सकती है.
पहले कहा था अव्यावहारिक
इस मामले में मोदी सरकार ने पहले था कि यह संभव नहीं है कि इस मामले की जांच इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में कराई जा सके. ऐसा करने से पड़ोसी मुल्कों के साथ हमारे रिश्तों पर बुरा असर पड़ सकता है. ज्ञात हो कि 1999 में बीजेपी सरकार ने ऐसे ही एक मामले पर यूपीए सरकार को घेरने की कोशिश की थी. लेकिन अब बीजेपी ने इस मांग को सिरे से इंकार कर दिया है.
कालिया का परिवार मांग रहा है न्याय
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