-मलेरिया विभाग ने निकाला डेंगू से निपटने का हाईटेक फॉर्मूला

-प्रमुख सचिव के निर्देशों पर मॉस्किटो ट्रैपर की शुरू हुई प्लानिंग

Meerut। फॉगिंग और एंटी लार्वा की बैसाखी पर घिसटने वाले मलेरिया विभाग ने अब डेंगू के मच्छर से निपटने का हाईटेक तरीका ईजाद किया है। मलेरिया विभाग अब मच्छरों को खत्म करने के लिए मॉस्किटो ट्रैपर मशीन का इस्तेमाल करेगा। शासन के निर्देश पर विभाग ने समय रहते ही मॉस्किटो ट्रैपर्स के ऑर्डर बुक कराए हैं।

क्या है मामला

दरअसल, पिछले दो सालों में डेंगू और चिकनगुनिया के केसों में बेतहाशा बढ़ोतरी देखने को मिली है। यही नहीं प्रभावित क्षेत्रों में एंटी लार्वा के छिड़काव और फॉगिंग के बाद भी डेंगू के मामलों में कोई फर्क देखने को नहीं मिला। ऐसे में सरकार इस बार डेंगू को लेकर किसी तरह की कोर कसर शेष नहीं छोड़ना चाहती। इसी को लेकर सरकार ने इस बार डेंगू पर लगाम कसने के लिए हाईटेक इंतजामों का सहारा लिया है।

मॉस्किटो ट्रैपर का ट्रैप

मॉस्किटो ट्रैपर एक तरह की मशीन है, जिसको डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में फिट किया जाएगा। यह मशीन पार्को और स्कूलों के आसपास फिट की जाएगी, जहां लोगों की आवाजाही अधिक रहती है। रात के समय मॉस्किटो ट्रैपर में फंसने वाले मच्छरों को लैब में ले जाकर उसका वायरस चेक कराया जाएगा। लैब में वायरस की जांच होने उसके अनुसार दवाई का इस्तेमाल कर कदम उठाए जाएंगे।

ऐसे काम करेगा ट्रैपर

मॉस्किटो ट्रैपर से एल्ट्रा वायलट किरणें निकलती हैं। रात में जिनसे आकर्षित होकर मच्छर मशीन की ओर भागता है। मशीन के अंदर कागज पर चिपचिपा पदार्थ व जहर लगा होता है, जिसके संपर्क में आते ही मच्छर मर जाता है। मशीन में तीन तरह की जालियां फिट होती हैं। सबसे मोटी वाली जाली सबसे ऊपर, जबकि बारीक जाली सबसे नीचे लगी होती है। जिससे कीट पतंगे मशीन में ऊपर ही रह जाते हैं, जबकि छोटे मच्छर छनकर नीचे गिर जाते हैं।

वर्जन

शासन में अभी मॉस्किटो ट्रैपर मशीन विचार चल रहा है। मार्च तक प्लान फाइनल हो जाएगा, जिसके बाद शहर में प्लान को लागू कर दिया जाएगा। शहर में मशीन के लिए 200 प्रभावित जगह चिह्नित की गई हैं।

-योगेश सारस्वत, जिला मलेरिया अधिकारी

20 लाख होंगे व्यय

सरकारी मूल्यों के अनुसार एक मॉस्किटो ट्रैपर मशीन की कीमत 10 हजार के आसपास है। जबकि मलेरिया विभाग ने शहर में 200 डेंगू प्रभावित इलाकों का चयन किया गया है। ऐसे में विभाग ने इसके लिए 20 लाख के बजट का ब्लू प्रिंट तैयार किया है।