सीएनजी गाडि़यों की सुरक्षा के लिए लागू होगा नियम

आरटीओ द्वारा हर तीन साल बाद सर्टिफिकेट होगा जारी

Meerut। अब दिल्ली गुड़गांव की तर्ज पर मेरठ में भी सीएनजी वाहन मालिकों को फिटनेस सर्टिफिकेट दिखाना होगा। यदि गाड़ी में सीएनजी किट का फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं है तो सीएनजी भी नहीं मिलेगी। इसके लिए बकायदा आरटीओ विभाग ने सीएनजी वाहन मालिकों किट की फिटनेस के लिए नोटिस भेजना भी शुरू कर दिया है।

तीन साल में रिन्युअल

परिवहन विभाग के नियमानुसार सीएनजी फिटेड गाडि़यों की हर तीन साल में किट फिटनेस जांची जाती है। यदि किट सही है और अगले तीन साल चल सकती है तो उसे परिवहन विभाग द्वारा रिन्युअल किया जाता है।

फिट होगा सर्टिफिकेट

सीएनजी किट की फिटनेस के लिए पीईएसओ की मान्यता प्राप्त एजेंसियों द्वारा किट का जांच सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। इसी सर्टिफिकेट के आधार पर आरटीओ से किट का रिन्युअल लिया जाता है। रिन्युअल सर्टीफिकेट को अब गाड़ी के बोनट के अंदर ही फिट कर दिया जाएगा, जिसे सीएनजी पंप सीएनजी देने से पहले चेक करेंगे।

नोटिस का सिलसिला

आरटीओ में हजारों की संख्या में सीएनजी कार, ऑटो और वैन रजिस्टर्ड हैं। जिनमें से 80 प्रतिशत वाहन मालिकों ने सीएनजी किट लगाने के बाद दोबारा उसका रिन्युअल ही नहीं कराया। अब आरटीओ विभाग ऐसे वाहन मालिकों को नोटिस भेजकर रिन्युअल की याद दिला रहा है। गत तीन माह में करीब 700 से अधिक नोटिस भेजे जा चुके हैं।

सीएनजी किट लगाने के बाद वाहन स्वामी उसको रिचेक या रिन्युअल कराना भूल जाते हैं। इसलिए अब सीएनजी लेने के लिए के लिए रिन्युअल सर्टिफिकेट आवश्यक किया जा रहा है। जल्द ही यह योजना लागू की जाएगी।

श्वेता वर्मा, एआरटीओ