मतदान राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम स्थित क्रिकेट एकेडमी में हुआ. नतीजा छह जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आएगा.

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी  बीसीसीआई ने चेतावनी दे रखी है कि अगर  मोदी इस चुनाव में जीते तो बीसीसीआई से आरसीए की सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी.

यह मुक़ाबला और भी रोचक होता अगर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के महासचिव डॉ. सीपी जोशी चुनाव लड़ते. वे अभी आरसीए के अध्यक्ष हैं.

लेकिन राजस्थान में कांग्रेस की सरकार चले जाने और भाजपा की सरकार आ जाने के कारण आरसीए के सारे समीकरण उलट-पुलट गए हैं और सीपी जोशी मैदान छोड़ गए हैं. जोशी ने मोदी के सामने अपने विश्वासपात्र रामपाल शर्मा को चुनाव मैदान में अध्यक्ष पद के लिए उतारा है, जो भीलवाड़ा से हैं.

मतदान

आरसीए के कुल 21 पदों के लिए गुरुवार सुबह 11 बजे से वोट पड़ने लगे थे. सबसे रोचक मुकाबला अध्यक्ष पद का ही है. इस चुनाव में राज्य के सभी 33 जिलों से एक-एक वोट है.

हर जिले की क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव को वोट डालने का अधिकार होता है. कुछ समय पहले तक मोदी के चुनाव लड़ने की संभावना नहीं थी और ऐसा लग रहा था कि सीपी जोशी फिर से अध्यक्ष बन जाएंगे.

लेकिन राज्य में वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री बनते ही सारे समीकरण बदल गए.

ललित मोदी चुनाव लड़ने के योग्य हैं या नहीं, ये विवाद सुप्रीम कोर्ट तक तक पहुंच गया था. इसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने एक चीफ ऑब्जर्वर एनएम कासलीवाल को लगा दिया था. उन्होंने सारी आपत्तियां सुनी और बुधवार को मोदी के खिलाफ आई सभी आपत्तियों को खारिज कर उन्हें उम्मीदवारी के काबिल माना.

इस चुनाव पर मोदी को लेकर दी गई बीसीसीआई की चेतावनियों का कोई खास असर नजर नहीं आया. मोदी गुट से उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार महमूद आब्दी कहते हैं कि बीसीसीआई ने ये चेतावनियां तब क्यों नहीं जारी कीं, जब 24 नवंबर को चुनाव होने वाले थे और मोदी को नागौर जिला संघ ने उम्मीदवारी के काबिल माना था.

चेतावनी

क्या क्रिकेट संघ में फिर लौटेंगे ललित मोदी?

आरसीए का चुनावी माहौल बीसीसीआई के सचिव संजय पटेल की चेतावनियों के ईमेल को लेकर बार-बार चर्चित रहा.

पटेल ने आरसीए अध्यक्ष सीपी जोशी को बुधवार को ई-मेल किया था कि आरसीए बोर्ड के दिशा-निर्देश का पालन करने में विफल रहा है. ईमेल में कहा गया है कि उन्होंने ललित मोदी को आरसीए के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की अनुमति कैसे दे दी, जबकि उन पर बीसीसीआई ने आजीवन प्रतिबंध लगाया हुआ है.

पटेल ने अपने पत्र में लिखा था कि वे अंतिम चेतावनी दे रहे हैं. सीपी जोशी को न केवल नागौर जिला संघ के खिलाफ कार्रवाई करनी है, बल्कि आरसीए के अध्यक्ष के नाते बोर्ड को पर्याप्त सबूत भी देने होंगे कि मोदी 19 दिसंबर को होने वाले चुनाव के लिए अयोग्य हैं.

सीपी जोशी ने इस बीसीसीआई के इस ईमेल को सभी जिला संघों को भेजकर इसका पालन करने के लिए कहा है. अगर आरसीए की सदस्यता निलंबित होती है तो उसे बीसीसीआई से न तो अनुदान मिलेगा और न ही क्रिकेट मैचों की मेजबानी ही मिलेगी.

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