रजिस्ट्री विभाग ने तैयार की प्रस्तावित सर्किल रेट्स की सूची

एक हजार प्रति वर्ग मीटर निर्माण की दर बढ़ाने का प्रस्ताव

1 अगस्त से लागू होंगे वर्ष 2018-19 के लिए सर्किल रेट्स

Meerut। मेरठवासियों के लिए खुशखबरी है। यूपी बजट के बाद से ही सर्किल रेट्स बढ़ने की अटकलों पर आखिरकार विराम लग गया। जिला प्रशासन के मुताबिक सर्किल रेट्स नहीं बढ़ाए जाएंगे बल्कि इस बार सर्किल रेट्स की विसंगतियों को दूर किया जाएगा। एडीएम फाइनेंस आनंद कुमार शुक्ला ने बताया कि रजिस्ट्री विभाग को सर्किल रेट्स के ऑब्जर्वेशन के निर्देश दिए हैं। जिसके तहत सब-रजिस्ट्रार अपने-अपने क्षेत्र में सर्किल रेट्स का रिव्यू कर रहे हैं।

दूर होंगी खामियां

परंपरागत तरीके से चले आ रहे सर्किल रेट्स रिवाइज करने की प्रक्रिया में इस बार आमूल-चूल परिवर्तन किया जा रहा है। एडीएम फाइनेंस ने बताया कि एक-एक गली, एक-एक मोहल्ले का सर्वे कराया जा रहा है। आमतौर पर देखा गया है कि सर्किल रेट्स में कुछ विसंगतियां रहती हैं। जैसे-कहीं मोहल्ले के रेट्स ज्यादा हैं तो वहीं सड़क पर प्रॉपर्टीज के रेट्स कम हैं। आवासीय और कमर्शियल प्रॉपर्टीज के रेट्स में बड़ी विसंगतियां हैं। कहीं पर आवासीय के रेट्स ज्यादा है तो कहीं कमर्शियल के रेट्स कम हैं। रजिस्ट्री विभाग, बाजार के सर्वे के साथ ही ग्राहकों से भी बात कर रहा है। एडीएम फाइनेंस का कहना है कि सर्किल रेट्स सीधे तौर पर बढ़ाने के बजाए विभाग आय के अन्य स्रोत पैदा करने की कोशिश में जुटा है।

बढ़ेंगी निर्माण की दरें

एडीएम फाइनेंस ने बताया कि मेरठ में निर्माण की दरों को बढ़ाया जा रहा है। नोएडा-गाजियाबाद आदि जनपदों में निर्माण की दर 13 हजार प्रति वर्ग मीटर तक है। जबकि मेरठ में यह 10 हजार है। ऐसे में एक हजार प्रति वर्ग मीटर निर्माण की दर बढ़ाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा सर्किल रेट्स एकरूपता से न बढ़ाकर मार्केट वैल्यू का सर्वे कर 1 से 2 प्रतिशत ही बढ़ेंगे। गौरतलब है कि शासन की ओर से मेरठ जनपद का रजिस्ट्री विभाग का टारगेट बढ़ाकर 599 करोड़ रूपये कर दिया गया है। वर्ष 2017-18 में यह 597.70 करोड़ रूपये था। रजिस्ट्री विभाग ने वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक 63.71 फीसदी की वसूली की थी।

इनसेट

देना होगा 2 प्रतिशत डेवलेपमेंट चार्ज

नगर निगम और प्राधिकरण सीमा में हो रही रजिस्ट्री पर प्रॉपर्टी की वैल्यू का 7 प्रतिशत स्टांप शुल्क जमा करना होता है। जिसमें 5 प्रतिशत कोषागार में जमा होता है जबकि 2 प्रतिशत डेलपमेंट चार्ज के तौर पर नगर निगम और प्राधिकरण की अवस्थापना निधि में एकत्र होता है। एडीएम फाइनेंस ने बताया कि प्राधिकरण और नगर निगम की सीमा का विस्तार हो चुका है। ऐसे में रजिस्ट्री के दौरान निगम और प्राधिकरण की सीमा में शामिल प्रॉपर्टीज पर 7 प्रतिशत स्टांप शुल्क लिया जाएगा। गौरतलब है कि नगर निगम सीमा में 10 नए वार्ड जुड़े हैं तो वहीं एमडीए के सीमा विस्तार में 6 नगर पंचायत के साथ-साथ करीब 124 गांव भी शामिल हुए हैं।