- छात्रावास के 16 नंबर खिड़की से सीनियर लेते हैं रैगिंग

- आधी रात के बाद वाट्सएप से वीडियो कॉलिंग से करते हैं परेशान

sunil.yadav:

केजीएमयू प्रशासन ने सख्ती की तो सीनियर्स रैगिंग करने के लिए चार कदम और आगे बढ़ गए। केजीएमयू के न्यू चक्रवर्ती छात्रावास में इस समय 16 नंबर खिड़की की दहशत है। सीनियर्स की आहट से ही हॉस्टल में सभी जूनियर्स मुर्गा बने नजर आते हैं। इमामबाड़े की ओर 16 नंबर कमरे की खिड़की रैगिंग का पर्याय बन गई है। यह हाल तब है जबकि सभी सीनियर्स ने लिखित में शपथ पत्र दिया गया है कि वे रैगिंग नहीं लेंगे और पकड़े जाने पर सीधे कोर्स से बाहर किए जाएंगे।

तीन दिन पहले का मामला

केजीएमयू में एमबीबीएस 2018 बैच के एक स्टूडेंट के अनुसार तीन दिन पहले कई सीनियर खिड़की के बाहर आए थे। खिड़की में जाली लगी है इसलिए वे अंदर नहीं आ सकते, लेकिन आते ही उन्होंने कमरा नंबर और नाम लेकर 15 से ज्यादा लड़कों को खड़ा कराया। किसी से गाना सुना तो किसी से सीनियर्स के नाम पूछे। जिन्हें एक दर्जन से कम सीनियर्स के नाम पता थे उन्हें मुर्गा बना दिया गया। यही नहीं लड़कों से केजीएमयू का मेडिकल लिट्रेचर भी सुना गया।

आधी रात को वीडियो कॉल

प्रॉक्टोरियल बोर्ड की सख्ती के कारण अब मोबाइल से फोन से वाट्सएप और डुओ एप से वीडियो कॉलिंग करके रैगिंग करनी शुरू कर दी है। मेडिकोज ने बताया कि प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने कहा था कि रात में मोबाइल आन नहीं रखना है, लेकिन सीनियर्स को पता नहीं कहां से नंबर मिल गए और उन्हें यह तक मालूम है कि किस कमरे में कौन रहता है। मोबाइल बंद होने पर धमकी दी जाती है। ज्यादातर रात एक बजे के बाद मोबाइल में रिंग बजती है। रिसीव करते ही वीडियो कॉल शुरू होती है और उसके बाद कैंपस में रहने के दिशा निर्देश दिए जाते हैं। जिसमें जूनियर्स को खास ड्रेस समझाने, तीसरे बटन पर नजर रखने, झुक कर सलाम करने, बाल छोटे करने के निर्देश दिए जाते है। पिछले वर्ष भी ऐसी हरकते सीनियर कर रहे थे जिसकी शिकयत चीफ प्रॉक्टर के पास पहुंची थी।

मोबाइल के सामने ही बन गया मुर्गा

मेडिकोज के अनुसार बुधवार रात ढाई बजे फ‌र्स्ट फ्लोर के एक कमरे में वाट्सएप एप की कॉल आई थी और रिसीव करते ही दूसरी तरफ से गालियों की बौछार के साथ अपना परिचय दिया गया। गालियों से समझ आ गया कि सीनियर्स हैं। उनके आदेश पर अगल बगल के कमरों से 12-13 लड़कों को बुलाया और इसके बाद शुरू होती है सीनियर्स की क्लास। एक को बाल बड़े होने पर छोटे करवाने के निर्देश दिए गए और कहा गया कि हॉस्टल में किसी के भी बाल बड़े मिले तो इन सभी की जिम्मेदारी होगी। मेडिकोज ने बताया कि सीनियर्स ने कहा कि चलते समय सामने वाली की तीसरी बटन पर नजर रखनी है और सीनियर दिखते ही दूर से तब तक नाइंटी (90 डिग्री झुक कर सलाम) मारनी है जब तक वह सामने से निकल न जाए। पूरे बैच को मेडिकल एंथम भी सिखाने की जिम्मेदारी एक मेडिकल छात्र को सौंपी गई है। मेडिकोज ने बताया कि कॉल करके कोई जार्जियन होने के बारे में समझाता है तो कोई चालीसा सुनाने को कहता है। इससे कुछ लोगों को दिक्कत हुई लेकिन कोई शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।

नोटिस जारी, कमेटी गठित

चीफ प्रॉक्टर प्रो। आरएएस कुशवाहा ने गुरुवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में खबर छपने के बाद हॉस्टल में जाकर 2018 बैच के स्टूडेंट्स से पूछताछ की और नाइंटी मारने या सलाम करने का आदेश देने वाले सीनियर्स के नाम पूछे हैं। वार्डेन डॉ। दीवान और डॉ। आरएएस कुशवाहा के साथ प्रॉक्टोरियल बोर्ड की टीम ने न्यू सीवी हॉस्टल का निरीक्षण किया। कई कमरों से मेडिकोज को बुलाकर उनसे पूछताछ की, लेकिन किसी ने भी सीनियर का नाम नहीं बताया। साथ ही निर्देश दिए गए कि किसी को बाल छोटे कराने और सलाम करने की जरूरत नहीं है। रात में मोबाइल भी आन न रखे जाएं। इसके बाद चीफ प्रॉक्टर ने सिक्योरिटी गा‌र्ड्स की कंपनी आयरन मैन को नोटिस जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि क्लासेज से लौटते समय सीनियर छात्र रैगिंग कर रहे थे। जो सुरक्षा में भारी चूक है।

पिछले साल लगा था 18 पर लगा था जुर्माना

पिछले वर्ष वाट्सएप पर वीडियो कॉलिंग के जरिए 2016 बैच के सीनियर्स ने 2017 बैच के मेडिकोज की रैगिंग लेनी शुरू कर दी थी। पैरेंट्स को जानकारी हुई तो उन्होंने प्रॉक्टर से शिकायत की। जिसके बाद 2016 बैच के दो छात्रों को रैगिंग के आरोप में हमेशा के लिए हॉस्टल से बाहर कर दिया गया था। इसके अलावा 18 अन्य सीनियर्स पर एक एक हजार रुपए का अर्थदंड लगाया गया था। जिनकी पिछले वर्ष रैगिंग हुई वह इस वर्ष सीनियर हुए और उन्होंने रैगिंग लेनी शुरु कर दी। यानी केजीएमयू की सख्ती और कार्रवाई का कोई भी डर सीनियर्स पर नहीं है।

मामले में नोटिस जारी की गई है। साथ ही इन्क्वायरी कमेटी गठित की गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी। रैगिंग किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। किसी जूनियर को दिक्कत होती है तो वह सीधे मेरे नंबर पर संपर्क कर सकता है।

- प्रो। आरएएस कुशवाहा, चीफ प्रॉक्टर, केजीएमयू