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स्लग: सोमुख व फ्रंटलाइन की आड़ में झारखंड के शराब माफिया हुए एक्टिव

-रांची समेत 8 जिलों में सोमुख तो 16 जिलों में फ्रंटलाइन के लोग बेच रहे शराब

-रसीद नहीं जारी कर स्टॉक से खिलवाड़ की रेगुलर मिल रही कंप्लेन

-एमआरपी से अधिक रेट पर कई दुकानों में बेची जा रही शराब

abhishek.sinha@inext.co.in

RANCHI(05 May): झारखंड के शराब कारोबार पर आज भी स्टेट के पुराने नामचीन माफिया का कब्जा है, जबकि सूबे में अब खुद सरकार शराब बेच रही है। दरअसल, सरकार ने स्टेट में पहले से शराब के कारोबार में सक्रिय कंपनियों सोमुख और फ्रंटलाइन से मैनपावर प्रोवाइडर का एकरारनामा किया है। इन दोनों कंपनियों की आड़ में ही स्टेट के शराब माफिया सक्रिय हो गए हैं। इस माफिया के ईशारे पर ही शराब बिक्री की रसीद नहीं काटी जाती। इनके इशारे पर ही दुकानों से माल कई होटलों, ढाबों और राज्य के बाहर भी बेचा जा रहा है। इसके अलावा दोनों कंपनियों के कर्मियों द्वारा एमआरपी से अधिक रेट पर शराब बेची भी जा रही हैं। उत्पाद आयुक्त भोर सिंह यादव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इमरजेंसी टेलिफोन नम्बर भी जारी किया, लेकिन शराब माफिया ने आयुक्त के आदेश की भी धज्जियां उड़ा कर रख दी हैं। रसीद जारी नहीं कर शराब के दाम से खिलवाड़ करने का गोरखधंधा जारी है।

70-30 के रेशियो में बांटीं दुकानें

सरकार ने स्टेट की सभी दुकानों को इन दोनों कंपनियों के बीच 70-30 परसेंट के रेसियो में बांट दी है। 16 जिलों में फ्रंटलाइन कंपनी की 462 दुकानों पर कब्जा है जबकि रांची समेत 8 शहरों में सोमुख के कर्मियों का आधिपत्य है। रांची, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला, खरसांवा, खूंटी, गुमला और सिमडेगा में सोमुख के कर्मियों को शराब बेचने में लगाया गया है जबकि अन्य जिलों में फ्रंटलाइन के लोग काम कर रहे हैं।

धड़ल्ले से बिक रही हरियाणा-पंजाब की शराब

शराब माफिया ने शराब पर कब्जे के लिए जबरदस्त रणनीति बनाई हुई है। सरकार की तरफ से शराब की खेप दुकानों में जस की तस पड़ी रहती है, जबकि हरियाणा व पंजाब की शराब धड़ल्ले से बेच कर माफिया का काला कारोबार पूरी रफ्तार से जारी है। हाल ही में एसडीओ अंजलि यादव ने छापेमारी कर पिस्का मोड़ की शराब दुकान से हरियाणा व पंजाब की बोतलें बरामद की हैं।

सारा खेल बिक्री की रसीद का

इस खेल को खेलने के लिए ही शराब बिक्री की रसीद जारी नहीं की जाती है। रसीद जारी होने से और कस्टमर को रसीद मिलने से बाहर की शराब बेचना मुश्किल हो जाएगा।

100 करोड़ घाटे के पीछे माफिया

राज्य सरकार को शराब के कारोबार में हो रहे 100 करोड़ से ज्यादा के घाटे के पीछे शराब माफियाओं का हाथ होने के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं। सरकार की शराब बेचने के स्थान पर दूसरे राज्यों की शराब बेची जा रही है, जिससे सरकार को भारी नुकसान हो रहा है।

वर्जन

दुकानों में एमआरपी से अधिक रेट पर शराब बेचने की कई शिकायतें मिली हैं। इसलिए मोबाइल नम्बर जारी कर दिया गया है, जिसपर लगातार शिकायतें भी आ रही हैं। दूसरे राज्यों से भी शराब को झारखंड में लाने की सूचनाएं हैं। इस पर काम चल रहा है। इन सब पर जल्द ही लगाम लगाई जाएगी।

-भोर सिंह यादव, आयुक्त, उत्पाद विभाग झारखंड