-देसी शराब भी जल्द होगी टेट्रा पैकिंग में, हेडक्वार्टर में मंथन के बाद लिया गया फैसला

-मिलावटखोरों का टूटेगा नेटवर्क, पॉल्यूशन भी होगा काफी कम

शराब की डिमांड बढ़ी तो उसकी कालाबाजारी पर भी नशा छा गया। हरियाणा, पंजाब की शराब यूपी में खपने लगी। सरकार बदलते ही आबकारी नीति में भारी बदलाव हुआ। ई-लॉटरी से ठेके एलॉट हुए। टेट्रा पैक में बिकने वाली अंग्रेजी शराब के बाद अब देशी शराब की पैकिंग पर भी जोर दिया जा रहा। कारण कि देशी शराब में मिलावट की हमेशा से बूं आती रही है। यही कारण है कि देशी शराब भी अब टेट्रा पैक में अवेलेबल होगा। हेडक्वार्टर में हुए मंथन के बाद यह फैसला लिया गया कि एक तो टेट्रा पैक के जरिए मिलावटी शराब का नेक्सेस टूटेगा वहीं प्रदूषण रोकने में प्लास्टिक के अपेक्षा टेट्रा पैक ज्यादा कारगर साबित होगा।

सर्टिफिकेट के साथ लड़ेगी जाम

अभी तक अंग्रेजी शराब का 180 एमएल क्वाटर टेट्रा पैक में मिल रहा है। खासियत यह है कि यह पैक नौ महीने तक ही मान्य होगा। इसके बाद इसे एक्सपायर मान लिया जाएगा। पैक पर शेल्फ लाइन यानि टेट्रा पैक में भरी शराब नौ महीने की अवधि के साथ - साथ पैक पर शराब की मात्रा और टेट्रा पैक का वजन भी लिखा होगा। यह पैक छह स्तरीय होगा। पैक में शराब भरे जाने के बारे में सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजी रिसर्च इंस्टीट्यूट मैसूर या इंडस्ट्रियल टाक्सीकॉलोजी रिसर्च सेंटर लखनऊ या इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग नई दिल्ली से पैकिंग के कागज की उपयोगिता का सर्टिफिकेट भी होगा।

अब नहीं गलेगी दाल

माना जा रहा है कि नई पैकिंग से शराब की गुणवत्ता के प्रति कस्टमर्स की विश्वसनीयता कायम रहेगी। टेट्रा पैक में आई शराब में मिलावट करना आसान नहीं होगा। आम बोतलों की ढक्कनों की सील तोड़कर मिलावट कर दी जाती है और प्लास्टिक की बोतल में इंजेक्शन के माध्यम से मिलावट का खतरा रहता है। टेट्रा पैक में यदि कोई मिलावट करने की कोशिश करेगा तो पैकेट लीक करने लगेगा। टेट्रा पैक को कस्टमर्स कहीं भी आसानी से ले जा सकेंगे। इन पैकेट्स के लीकेज होने की संभावना कम होती है।

ईको फ्रेंडली होता है टेट्रा पैक

पॉल्यूशन कंट्रोल के दिशा में गवर्नमेंट की यह पहल काफी सराहनीय है। कारण कि टेट्रा पैक ईको फ्रेंडली होता है। यह लकड़ी, पेपर बोर्ड, एल्यूमीनियम और पालीथाईलीन की लेयर्स से बनाया जाता है। अधिकांश टेट्रा पैक में 74 प्रतिशत कागज, 22 परसेंट पालीथाईलीन और चार परसेंट एल्यूमीनियम का यूज किया जाता है। इनका यूज खाद्य पदार्थो को पैक करने के लिए किया जाता है। देश में तमाम कंपनियां दूध, जूस, घी, तेल सहित तमाम तरल खाद्य पदाथरें की पैकिंग के लिए इनका यूज कर रही हैं।

टेट्रा पैक में बिक रही अंग्रेजी शराब की रिस्पांस काफी बेहतर है। हर मायने में यह बेहतर है। एक तो मिलावटखोरों की दाल नहीं गल पाएगी और प्रदूषण रोकने में भी सहायक होगा। इसे ही देखते हुए देशी शराब भी अब टेट्रा पैक में उतारी जाएगी।

अजब सिंह चाहर, डिप्टी डीओ

शहर में एक नजर

308

देशी शराब की दुकान

167

अंग्रेजी शराब की दुकान

145

बीयर की दुकानें

08

माडल शॉप