RANCHI: कुछ कर गुजरने की लगन व मेहनत करने की ललक हो, तो तकदीर बदलते देर नहीं लगती। इसे सच कर दिखाया है किशोरगंज चौक से कुछ दूरी पर स्थित एक छोटे से घर की सगी बहनें राखी और मधु ने। कभी हडि़या बेच कर परिवार का पालन-पोषण कर रहीं ये बहनें तीन साल में ही अपनी मेहनत की बदौलत नेशनल रेसलर बन चुकी हैं। स्टेट लेवल पर गोल्ड व नेशनल लेवल पर सिल्वर मेडल जीत चुकीं राखी व मधु आज देश-दुनिया में वीमेन रेसलर के रूप में जानी जा रही हैं।

फ् साल की मेहनत का फल

राखी व मधु को स्टार बनाने में झारखंड रेसलिंग एसोसिएशन के महासचिव व रेसलिंग कोच भोलानाथ सिंह का अहम योगदान है। श्री सिंह ने बताया कि तीन साल पहले राखी व मधु की कहानी कुछ और ही थी। पिता मोहन तिर्की व माता रूपम तिर्की अपना घर चलाने के लिए हडि़या बेचते थे। इन्हीं के साथ ये दोनों बहनें भी बचपन से ही सुबह से लेकर शाम तक इसी काम में लगी रहती थीं। एक दिन मेरी नजर इन पर पड़ी। मैंने दोनों बहनों में कुछ कर गुजरने की ललक देखी। पूछा कि क्या कुश्ती में किस्मत आजमाना चाहेंगी। दोनों ने इस मौके को हाथ से जाने नहीं दिया और हां कर दी। फिर क्या था मैंने राखी व मधु दोनों को रेसलिंग की ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी। दोनों बहनें लगातार मेहनत करती रहीं। इससे टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन भी होने लगा।

नेशनल कैंप के लिए सेलेक्शन

रेसलिंग कोच श्री सिंह बताते हैं कि पिछले साल स्टेट चैंपियनशिप में मधु और राखी ने पार्टिसिपेट किया और गोल्ड मेडल जीत लिया। इसी आधार पर इनका सेलेक्शन जूनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप के लिए हुआ। यहां भी इनका प्रदर्शन बेहतर रहा और दोनों बहनों ने इस इवेंट में भी सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिया। इसके बाद ख्0क्ब् में बड़ी बहन राखी का सेलेक्शन इंडिया कैंप के लिए हुआ। इसके साल भर बाद ही ख्0क्भ् में मधु का भी सेलेक्शन इंडिया कैंप के लिए हो गया।

राज्य सरकार दे रही स्कॉलरशिप

अपने खेल के दम पर राखी व मधु आज राज्य सरकार की ओर से स्कॉलरशिप ले रही हैं। स्टेट रेसलिंग एसोसिएशन के महासचिव भोलानाथ सिंह का कहना है कि झारखंड में टैलेंट की कमी नहीं है। ये दोनों लड़कियों की उपलब्धियां इसके प्रमाण हैं। जरूरत है राज्य भर में राखी व मधु जैसी टैलेंटेड लड़कियों की तलाश कर उन्हें निखारने की। श्री सिंह ने बताया कि मेरी इच्छा है कि राखी व मधु ओलंपिक के लिए खेलें और देश के लिए मेडल जीत कर लाएं।