नवाबगंज व शहर के शहामतगंज में सस्पेक्टेड जेई-डेंगू के बुखार से हुई

BAREILLY:

जानलेवा बुखार की चपेट में आकर बरेली में दो और मासूमों की मौत हो गई। मासूमों को अपना शिकार बना रहे जानलेवा बुखार ने संडे को नवाबगंज व शहर के शहामतगंज में दो बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया। नवाबगंज निवासी रईस के 2 साल के बेटे नबी की पिछले 10 दिन से तबियत खराब थी। बुखार के चलते बच्चे का निजी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। मंडे को बच्चे की मौत हो गई। वहीं शहामतगंज बाजार में फल बेचने वाले राशिद के 3 साल के बेटे को बुखार था। निजी क्लिनिक के डॉक्टर ने बच्चे में सस्पेक्टेड डेंगू के लक्षण बताए थे। संडे देर रात बच्चे ने तेज बुखार में दम तोड़ दिया।

बच्चा वार्ड में 41 मरीज

डायरिया और बुखार से शहर व आस पास के एरिया में बीमार बच्चों की तादाद में कमी नहीं हो रही। मंडे को भी डायरिया व तेज बुखार के चलते डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के बच्चा वार्ड में 12 बच्चे एडमिट हुए। मंडे को इतनी तादाद में एडमिट हुए बच्चों से वार्ड में इलाज की व्यवस्था चरमरा गई। वार्ड में कुल 29 बेड हैं, जबकि मंडे को एडमिट हुए बच्चों की तादाद 41 पर पहुंच गई। मजबूरी में नर्सिग स्टाफ को एक बेड पर दो मरीज लिटाकर उन्हें इलाज देना पड़ा।

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रेडियोलॉजिस्ट का तबादला रद

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के दो रेडियोलॉजिस्ट के ट्रांसफर ऑर्डर को सरकार ने आखिरकार रद कर दिया है। शासन की ओर से हॉस्पिटल के दो रेडियोलॉजिस्ट डॉ। राजकुमार व डॉ। पीयूष के तबादले के आदेश रद कर दिए गए हैं। मंडे को नए शासनादेश की जानकारी डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंच गई। इससे हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन को बड़ी राहत मिली है। दरअसल शासन की ओर से हॉस्पिटल के 9 डॉक्टर्स के तबादले के आदेश दिए गए थे। जिसमें 3 रेडियोलॉजिस्ट भी थे। जिनमें से हॉस्पिटल के एक रेडिसोलॉजिस्ट का 31 अगस्त को रिटायरमेंट हो गया था। वहीं बचे दो रेडियोलॉजिस्ट के तबादले से मरीजों की एक्सरे व अल्ट्रासाउंड की जांच पर खतरा हो गया था।

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