-30 दिन में पकड़ी असलहों की तीसरी खेप

-कच्ची उम्र के दो युवक पकड़े गए, पिता व भाई हैं धंधे के महारथी

-10 वांटेड, तलाश जारी, एसओ के हत्यारों को भी बेचा था असलहा

ALLAHABAD: पंचायत चुनाव के नजदीक आते ही फेक करेंसी, अवैध शराब और हथियारों के तस्कर सक्रिय हो गए हैं। ऐसे में एसटीएफ ने भी इन पर शिकंजा कस दिया है। एसटीएफ ने 30 दिन के भीतर असलहों की तीसरी खेप को पकड़ने में कामयाबी हासिल की। एसटीएफ ने मुट्ठीगंज पुलिस के सहयोग से सोमवार को ईसीसी के पास से नौ असलहों के साथ दो युवकों को दबोच लिया। असलहों को लेकर मध्य प्रदेश के धार जिले का रवि मौर्य पहुंचा था और वह इसे मेजा के अमित कुमार तिवारी उर्फ अक्कू को थमा रहा था जब पकड़ा गया। अक्कू का भाई रिंकू लूट के मामले में प्रतापगढ़ से जेल जा चुका है व उसका पिता जयशंकर तिवारी उर्फ प्रधान उर्फ इंस्पेक्टर असलहों का नामी तस्कर है। दोनों एसटीएफ के हत्थे चढ़ते-चढ़ते रह गए। एसटीएफ ने नाइन एमएम की एक पिस्टल, 32 बोर की छह पिस्टल, एक रिवाल्वर, एक तमंचा, तीन मैगजीन, पांच कारतूस व एक बाइक बरामद की है।

खंडवा से भेजता है असलहे

असलहे खंडवा का जगतपाल मेजा के जयशंकर को भेजता था। इस बार भी एसटीएफ को सूचना मिली थी कि जयशंकर ही असलहे लेने के लिए आएगा, लेकिन एन मौके पर उसने प्लान बदल दिया। जयशंकर ने खुद व 15 हजार के इनामी बेटे रिंकू की जगह छोटे बेटे अक्कू को भेज दिया। अक्कू 11वीं का स्टूडेंट है व उसकी उम्र 20 साल के आसपास है। उसके असलहे पहुंचाने वाला धार का रवि असल में जगतपाल का कैरियर है। उसका काम सिर्फ माल की डिलीवरी करना था। वह भी मात्र 19 साल का है। एसटीएफ को जानकारी मिली है कि यह असलहे इलाहाबाद के गुड्डू मिश्रा, राजा पांडेय, सोनू दुबे, लवकुश दुबे व रजत शुक्ला को दिए जाने थे। लवकुश दुबे वही है जिसने एसओ राजेंद्र द्विवेदी के कत्ल में इस्तेमाल असलहे को राजा पांडेय, कल्लू तिवारी के पास पहुंचाया था।

लेनदेन हुआ हाईटेक

असलहों के सौदागर लेनदेन में हाईटेक तरीके का इस्तेमाल करते हैं। इस बार लेनदेन रिंकू के मेजा के एसबीआई के खाते से हुआ था। एक लाख रुपए रिंकू ने अपने ही खाते में जमा किए व एटीएम कार्ड जगतपाल को पहुंचा दिया। जगत ने खंडवा से रुपए निकाले व असलहों के साथ रवि को रवाना कर दिया। सीओ एसटीएफ प्रवीण सिंह चौहान ने बताया कि एसटीएफ के एसआई अजय कुमार सिंह, अतुल कुमार सिंह व केशव चंद्र राय, कांस्टेबल विजय, प्रभंजन व मोअज्जम इस मामले की निगरानी कर रहे थे। सोमवार शाम एसटीएफ ने दोनों को ईसीसी के पास से धर लिया। एक लाख रुपए असलहे की पहली किस्त थी। असलहों को जिन लोगों को सौंपा जाना था, वह इसे 25 से 30 हजार रुपए तक में बेचते। जयशंकर को पिस्टल व रिवाल्वर 15 हजार रुपए तक में मिलते थे। असलहों के बिकने के बाद उसको जगतपाल को दूसरी किस्त इसी महीने देनी थी। धरपकड़ के बाद सभी फरार हैं। एसटीएफ ने कुछ लोगों को चिह्नित कर लिया है।

एक हजार से ज्यादा बेची पिस्टल

जयशंकर तिवारी खंडवा व मुंगेर से पिस्टल लाकर इलाहाबाद में बेचने का काम दस साल से कर रहा है। वह अब तक एक हजार से अधिक पिस्टल बेच चुका है। पंचायत चुनाव में डिमांड बढ़ने के बाद इस काम में कुछ ज्यादा ही तेजी आ गई। एक के बाद एक कई खेप पहुंचाई जा चुकी है। इस काम में कई ऐसे लोग भी लगे हैं जिनका कोई क्रिमिनल रिकार्ड नहीं। ऐसे लोगों को पकड़ पाना काफी मुश्किल है।

चुनाव में जंग की तैयारी

पंचायत चुनाव के लिए जिस तरह से असलहे एमपी व बिहार से मंगवाए जा रहे हैं, उससे एसटीएफ, क्राइम ब्रांच के साथ ही खुफिया एजेंसियों के भी कान खड़े हो गए हैं। शक है कि चुनाव में कोई बड़ा कांड करने की तैयारी भी तो नहीं हो रही। असलहों को असल में किसके पास पहुंचाया जाना था, यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है। एसटीएफ ने राजाराम के पुराने कस्टमर के सेलफोन सर्विलांस पर लगा दिए हैं।

मिर्जापुर भाग गया राजाराम

जयशंकर छोटे बेटे के पकड़ में आने के बाद मिर्जापुर भाग गया है। उसकी लोकेशन मिर्जापुर में मिली है लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की जा रही है। उसकी धरपकड़ के लिए मिर्जापुर पुलिस से भी संपर्क साधा गया है।

- अंडरव‌र्ल्ड से भी है जयशंकर का कनेक्शन, मुंबई भी बेचता था असलहा

-मुंबई में आखिरी बार चार पिस्टल भेजी थी

-इलाहाबाद, कौशांबी, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, जौनपुर, भदोही में भी उसक गुर्गे

-एक पिस्टल बेचने पर मिल जाते हैं 10 से 15 हजार रुपए

वांटेड

राजा शुक्ला

जयशंकर तिवारी

पंकज पांडेय

रमेश मिश्रा

गुड्डू मिश्रा

गुड्डू दुबे

सूरज

मोनू दुबे

लवकुश दुबे

रजत शुक्ला

रिंकू तिवारी

- एसटीएफ ने 26 अगस्त को धूमनगंज में प्रतापगढ़ के हजरत अली उर्फ नाहिद, राशि अली, अमेठी के आशुतोष व जौनपुर के मो। अहमद को पकड़ा था। चारों के पास नाइन एमएम की दो पिस्टल, 32 बोर की चार पिस्टल, देसी तमंचा का कारतूस बरामद किए थे।

- एसटीएफ की धरपकड़ के बाद शिवकुटी पुलिस व क्राइम ब्रांच ने 31 अगस्त को मास्टर माइंड फैयाज को असलहों के साथ दबोच लिया। उसके पास 312 बोर के पांच तमंचे, 32 बोर की दो पिस्टल, दो रिवाल्वर व 315 बोर के दो तमंचों को बरामद किया था। फैयाज के ही गैंग के चार लड़कों को 26 अगस्त को पकड़ा गया था।