RANCHI : रिम्स में एकबार फिर व्यवस्था बेपटरी होती दिख रही है। अगर आप अपना अथवा अपने परिजन को इलाज के लिए रिम्स ले जा रहे हैं तो साथ में एक अटेंडेंट की भी व्यवस्था जरूर कर लें, वरना मुसीबतें हो सकती हैं। हॉस्पिटल के न्यूरो वार्ड में रविवार को कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। यहां मरीजों को न तो दवा और न ही स्लाइन चढ़ाने के लिए नर्से या अन्य पारा मेडिकल स्टाफ मौजूद थे। ऐसे में अटेंडेंट ही अपने मरीज को दवा देने के साथ-साथ स्लाइन चढ़ा रहे थे। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर मरीज के साथ कोई हादसा हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।

बारिश से बढ़ी मुसीबतें

दो दिन से हो रही लगातार बारिश से रिम्स के न्यूरो वार्ड में मरीजों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। सीपेज के कारण दिन हो या रात, मरीजों को गैलरी के बीच में शिफ्ट करना पड़ जाता है। इतना ही नहीं, भीगने से बचने के लिए मरीज व उसके अटेंडेंट प्लास्टिक अथवा छाता का इस्तेमाल कर रहे हैं।

न्यूरो वार्ड में कैपासिटी से दोगुने मरीज

न्यूरो और सर्जरी वार्ड में 80 बेड हैं, लेकिन इलाज के लिए इन दोनों ही वार्ड में बेड कैपासिटी से दोगुने मरीज एडमिट हैं। ऐसे में फर्श पर ही कई मरीजों का इलाज चल रहा है। इतना ही नहीं, मरीजों के हिसाब से डॉक्टर्स व नर्सेज भी कम पड़ रही हैं, जिस कारण इलाज में भी दिक्कतों का सामना करना हो रहा है।