रुपए कमाने के लिए दौड़ाते रहते सरकारी कर्मचारी
पुलिस विभाग, बिजली निगम हर चहुंओर मची अंधेरगर्दी
GORAKHPUR: सरकार के किसी विभाग में बिना चढ़ावे के कोई काम नहीं होता। हर किसी को कहीं न कहीं भेंट स्वरूप घूस देना ही पड़ता है। घूस नहीं दिया तो काम के बदले विभागों के सौ चक्कर लगवाए जाएंगे। फिर भी काम नहीं होगा। अधिकारियों और कर्मचारियों के फेर में मिनटों का काम होने में महीनों लग जाएंगे। पासपोर्ट बनवाना हो या फिर नगर निगम से जन्म प्रमाण पत्र लेना हो। राशन कार्ड की लाइन से लेकर बिजली बिल के भुगतान तक दुश्वारियों की फेरहिस्त काफी लंबी है। घूस से आजादी मिल जाती तो शायद देश की जनता असली आजादी का जश्न मना पाती। लेकिन यहां तो हालात बदलने के बाद बदतर होते जा रहे हैं। आइए जानते हैं कि आखिर किस तरह की प्रॉब्लम से लोगों को जूझना पड़ता है। सुनिए उनकी जुबानी जो सरकारी सिस्टम से कई बार परेशान हो चुके हैं।
केस एक
पासपोर्ट की रिपोर्ट के लिए मांगे दो हजार
मुझे और मेरे भाई को बाहर जाने के लिए पासपोर्ट बनवाना था। मैंने ऑनलाइन आवेदन कर दिया। पासपोर्ट ऑफिस की औपचारिकता पूरी करने के बाद मेरी फाइल थाना पर पहुंच गई। हलका सिपाही ने मुझे इस बात की सूचना दी। बताया गया कि पासपोर्ट आ गया। फोटो और सभासद का प्रमाण पत्र लेकर थाने आ जाना। थाने पहुंचने पर पासपोर्ट मुंशी ने मुझसे कागजात ले लिए। रजिस्टर में सिग्नेचर बनवाने के बाद मुंशी दे दो दिन बाद आने को कहा। लौटकर अपनी दुकान पर आ गया। फिर दूसरे दिन ही बाइक सवार सिपाही पहुंचा। उसने कहा कि कम से कम दो हजार रुपए देने होंगे। इसके बाद आगे की प्रक्रिया हो पाएगी। मैं यह सोचकर परेशान हो गया कि आखिर कहां से चार हजार रुपए लाऊं। फिर मैंने पड़ोसी से नकदी लेकर भुगतान किया। लोगों ने बताया कि ज्यादा बहस करोगे तो उल्टी-सीधी रिपोर्ट लग जाएगी।
कैलाश पाल, बिजनेसमैन
केस दो
पहले भेजा ज्यादा बिल, फिर ले-देकर निपटने का आश्वासन
मेरे परिचित बक्शीपुर बिजली सब स्टेशन के दीवान बाजार में रहते हैं। उनका दूसरा मकान सूर्यकुंड मोहल्ले में है। बिजली विभाग के कर्मचारी मीटर रीडिंग लेने नहीं आते थे। वह हर माह खुद बिल कलेक्शन सेंटर पर पहुंचकर रीडिंग बताकर बिल बनवा लेते थे। अचानक उनका बिल एक लाख से ज्यादा का आ गया। उन्होंने कंप्लेन दर्ज कराई तो कर्मचारियों ने टरकाना शुरू कर दिया। एयरफोर्स से रिटायर हुए कर्मचारी ने जब अधिकारियों से बात की तो उनसे कहा गया कि किसी तरह से मामला साल्व कर दिया जाएगा। बाद में एक कर्मचारी ने संपर्क करके हलके में बिल निपटाने की बात की। लेकिन बिना गलती के अनर्गल पैसा देने के बजाय मेरे रिश्तेदार उपभोक्ता फोरम चले गए। ऐसा पहली बार नहीं हुआ था। बिजली विभाग में अक्सर लोगों का बिल सुधारने के नाम पर पैसा मांगा जाता है। नए कनेक्शन लेने, लोड बढ़वाने सहित कई चीजों के लिए बिचौलियों के जरिए कर्मचारी दबाव बनाते हैं।
डॉ। प्रदीप कुमार, प्रोफेशनल
इन विभागों पब्लिक को होती परेशानी
तहसील
नगर निगम
बिजली निगम
पुलिस विभाग
जीडीए
आरटीओ
स्वास्थ्य विभाग
हाल में इनकी हुई गिरफ्तारी
03 अगस्त 2018: चौरीचौरा क्षेत्र के फुटहवाईनार में ट्रैप टीम ने 20 हजार घूस लेते लेखपाल को अरेस्ट किया।
25 जुलाई 2018: चौरीचौरा में कानूनगो रामलौट को 20 हजार रुपए घूस लेते हुए ट्रैप टीम ने पकड़ा।
11 जून 2018: मेडिकल कालेज स्थित एडी हेल्थ आफिस में ढाई हजार रुपए घूस लेते कर्मचारी नुरुलहुदा पकड़ा गया।
25 अप्रैल 2018: घूस लेने के आरोप में ट्रैप टीम ने डीसीएफ के कर्मचारी को अरेस्ट किया।