RANCHI : होटवार के मेगा स्पो‌र्ट्स कॉम्पलेक्स में चल रहे स्पो‌र्ट्स एकेडमी के लिए स्पो‌र्ट्स इक्विपमेंट्स खरीदने का दारोमदार वैसे पदाधिकारियों के पास है, जिनका खेलों से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है। यह जानकर आपको काफी अचरज होगा कि एकेडमी के संचालन के लिए बनी झारखंड स्टेट स्पो‌र्ट्स प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएसपीएस) की प्रशासनिक कमान सीसीएल में वन-पर्यावरण का कामकाज देखने वाले के हाथ में है। यहां सिविल इंजीनियर खेल की सामग्रियों को खरीदनेवाली कमिटी के कर्ता-धर्ता हैं तो सुरक्षा का काम देखनेवाले को खेल प्रशासन का जिम्मा दे दिया गया है। तीनों अधिकारियों की अपनी-अपनी प्राथमिकताएं हैं और उन प्राथमिकताओं की सूची में खेल और खिलाड़ी आखिरी पायदान पर है।

खेलों से जुड़ लोग गौण

स्पोटर््स एकेडमी में खेल सेक्टर से जुडे़ पदाधिकारियों का नहीं होना एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वे खिलाडि़यों के लिए क्वालिटी स्पो‌र्ट्स सामग्री खरीद पाएंगे? क्या उन्हें खेल सामग्री के बारे कोई तजुर्बा है? इसका जवाब होगा- नहीं। मतलब साफ है कि अनाडि़यों के हाथ में खेल एकेडमी है, जबकि सरकार ने इसे यूनिवर्सिटी का दर्जा की कवायद चल रही है। ऐसे में अगर खेलों के अनाड़ी खेल सामग्री खरीदेंगे तो झारखंड में खेलों का हश्र होगा सहज ही समझा जा सकता है।

15 की बजाय चल रहे पांच एकेडमी

स्पो‌र्ट्स एकेडमी झारखंड सरकार व सीसीएल का है ज्वाइंट वेंचर है। इसके संचालन के लिए झारखंड स्टेट स्पो‌र्ट्स प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएसपीएस) बनाई गई है। दो साल पहले स्पो‌र्ट्स एकेडमी की शुरुआत हुई थी। उस समय पांच अकेडमी खोले गए थे और अगले दो सालों में 15 स्पो‌र्ट्स एकेडमी चलाने का टारगेट था, लेकिन यह अबतक अधर में है। मालूम हो कि झारखंड गवर्नमेंट व सीसीएल के बीच हुई एमओयू में सीसीएल ने गारंटी दी थी कि खेल के क्षेत्र में बेहतर काम करनेवाले सक्षम प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख में खेल एकेडमी का संचालन किया जाएगा, लेकिन यह हवा-हवाई साबित हो रहा है।

बांस के धनुष से निशाना साध रहे कैडेट्स

2024 के ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक का सपना पाले खेल-खिलाड़ी को मंजिल कैसे मिलेगी, इस बात का जवाब देने वाला कोई नहीं है। पिछले तीन साल से एकेडमी में रिकर्व, कंपाउंड व इंडियन इवेंट के आर्चर बांस के धनुषों से निशाना लगा रहे हैं, जबकि स्पो‌र्ट्स एकेडमी पर अब तक सरकार 60 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है।

ढूंढे नहीं मिल रहे बेहतर कोच

स्पो‌र्ट्स एकेडमी के लिए ढूंढे नहीं मिल रहे हैं बेहतर कोच। कोच की नियुक्ति नहीं होने से जहां खेल की प्रतिभाओं के हौसले पस्त होने लगे हैं वहीं ये सवाल भी उठने लगे हैं कि सुस्त नीतियों से भला कैसे स्पो‌र्ट्स के क्षेत्र में झारखंड के बच्चे आगे बढ़ेंगे। जेएसएसपीएस की ओर से कोच की नियुक्ति के लिए छह बार निविदा निकाली गई, लेकिन अब तक पांच एकेडमी के लिये ही कोच की नियुक्ति हो पाई है। जबकि जून 2017 तक 15 अकादमी शुरू करने की योजना थी।

चल रहे हैं ये स्पो‌र्ट्स एकेडमी

मेगा स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लेक्स में फिलहाल पांच स्पो‌र्ट्स एकेडमी ही चल रही है। इसमें एथलेटिक्स, फुटबॉल, ताइक्वांडो, तीरंदाजी और कुश्ती के लिये कोच का चयन किया जा सका है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खेल विभाग की ओर से अभ्यर्थियों के इंटरव्यू तो लिए गए हैं, लेकिन नियुक्ति कब होगी इसका कोई पता नहीं है।